शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रध्दालु
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल में प्राथमिक स्कूल के निकट मैदान पर चल रही शिव महापुराण कथा में आचार्य संत श्री निराला महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। कथावाचक ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लीं। इस मौके पर अंकित शर्मा, मुनेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, राजेश गुप्ता, रमेश चंद शर्मा, मंजू शर्मा, विकास शर्मा, जगमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।