6:55 am Wednesday , 19 February 2025
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बदायूं में नियम कानून दरकिनार, अनफिट व ओवरलोड वाहन बनते हैं हादसे का बड़ा कारण

पूरे दिन दोडती है ओवरलोड रेता भरी ट्रैक्टर ट्राली, गन्ना लदे ट्रक।—————————-
बदांयू 24 नवंबर।

हाईवे से लेकर जिलेभर की सड़कों पर अनफिट और ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं। इनसे हादसों का खतरा तो होता ही है। वहीं, जगह-जगह जाम का कारण भी बनते हैं। नियम-कानून को ठेंगा दिखाते हुए सड़कों पर फर्राटा भर रहे गन्ना लदे ओवरलोड वाहन व रेता (बालू ) की भरी ट्रैक्टर ट्रोली ना कहीं चेकिंग हो रही ,और न रोकटोक की जा रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा लोगों को जान देकर चुकाना पड़ता है।

परिवहन विभाग की तमाम कोशिश के बाद भी जिले की सड़कों पर हजारों की तादाद में अनफिट वाहन दौड़ रहे हैं। मानक को दरकिनार कर निजी और व्यवसायिक वाहन फर्राटा भर रहे हैं। इसके चलते कई बार हादसे हो जाते हैं और लोगों की मौत हो जाती है। किसी वाहन की बॉडी अधोमानक है तो कई वाहनों पर फॉग व बैक लाइट नहीं है। ट्रैक्टर-ट्राॅली और जुगाड़ के साथ ही टेंपो भी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोहरे का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में सड़कों पर दौड़ने वाले अनफिट वाहन हादसे का कारण बनते हैं। जिले में हजारों वाहन फिटनेस का मानक पूरा नहीं करते। इनमें टेंपो, ट्रैक्टर-ट्राॅली, निजी बस, डीसीएम और अन्य वाहन हैं। जिले के हाईवे पर आए दिन कोई नाकोई सड़क हादसा हो जाता है।

इसका सबसे प्रमुख कारण सड़कों पर खटारा वाहनों का दौड़ना है। इतना ही नहीं विभाग अनदेखी के कारण अनफिट स्कूली वाहन बच्चों के लिए खतरा बने हैं। इन वाहनों पर न तो कोई कार्रवाई की जाती है और न ही अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान है। उधर, जिले में चीनी मिल होने से नवंबर के पहले सप्ताह में चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू हो गया है। क्रय केंद्रों से मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए सैकड़ों वाहन दौड़ने लगे हैं।

हाईवे से लेकर तकरीबन सभी संपर्क मार्गों पर इन दिनों गन्ना भरे वाहनों का बहुतायत में संचालन हो रहा है। वही रेता भरे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रक विभिन्न मार्गों पर जाम और हादसे का कारण भी बन रहे हैं। दरअसल, ट्रक और ट्रॉली में बाॅडी से करीब दो मीटर ऊपर तक गन्ना भरा रहता है। करीब एक मीटर पीछे भी गन्ना बाहर की तरफ निकला रहता है। गन्ना भरे वाहन गुजरते हैं तो सड़क के अधिकांश हिस्से पर इनका ही कब्जा रहता है। ऐसे में हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
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सबसे बुरा हाल तो व्यवसायिक वाहनों का है। इनकी बॉडी जर्जर होती है। फॉग लाइट, बैक लाइट, रिफलेक्टर, पार्किंग लाइट, सीट बेल्ट, टायर मानक पूरे नहीं करते। इससे रात के समय हादसों की आशंका अधिक रहती है। यही हाल छोटे वाहनों का है। यह क्षमता से अधिक माल लेकर चलते हैं। चेकिंग के दौरान खानापूर्ति कर दी जाती है।