देवउठनी एकादशी पर गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, आस्था की डुबकी लगा निभाई दान की परंपरा।***** उझानी बदांयू 12 नवंबर।
देवउठनी एकादशी के अवसर पर मंगलवार को ककोडा एवं कछला गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। हर- हर महादेव , व हर-हर गंगे के जयकारों से पूरा घाट गूंजता रहा।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को देशभर में देवोत्थानी एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी सहित अन्य नामों से जाना जाता है। इस पर्व के अवसर पर मंगलवार की भोर से ही ककोडा व कछला के गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। सुबह होने के साथ ही हर – हर महादेव और मां गंगा के जयकारों से सभी घाट गूंज उठे।
मंगलवार को देवउठनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र स्नान किया और दान की परंपरा निभाई। ककोडा व कछला गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
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गंगा में पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु आचमन कर ब्राह्मणों व भिक्षुकों में चावल, दाल सहित अन्य चीजों का दान किया। शास्त्रों में वर्णित एवं मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन क्षीर सागर में निद्रा के लिए जाते हैं। जहां वह चार मास विश्राम करते हैं।
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इन चार महीनों में हिंदू धर्म के अनुसार मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इसके पश्चात कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन भगवान श्री हरि विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं। व सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।——————* राजेश वार्ष्णेय एमके