उझानी बदांयू 11 नवंबर। परिवहन विभाग व अभिभावकों की अनदेखी कहीं बच्चों पर भारी ना पड़े। नगर के स्कूली वाहन ई-रिक्शा, बस, टेम्पो हो या वैन बच्चों को भूसे की तरह भरते हैं। आज बदायूं रोड पर एक स्कूल की ईको वैन में बीस से ज्यादा बच्चों को ठूंस ठूंस कर चालक बेरोकटोक अपने वाहन को स्कूल ले जा रहा था। जिले में कोई घटना होने के बाद परिवहन विभाग कारवाई की बात तो करता है मगर सिर्फ दो चार दिन।एक दो वाहनों का चालान कर चादर तान सो जाता है। उस पर कोई फर्क नहीं स्कूल संचालक जैसा चाहे करे। स्कूल के वाहनों में बच्चों को भूसे की तरह भरकर स्कूल भेजने में अभिभावक ही सबसे ज्यादा दोषी है, बच्चों के एडमिशन के बाद जिम्मेदारी से मुंह फेर लेते हैं। अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों की पढ़ाई पर पैसा खर्च कर रहे हैं तो यह भी देखें कि उनका बच्चा सही-सलामत व आराम से स्कूल आ जा रहा है या नहीं। परिवहन विभाग को तो स्कूलों से नजराना मिल जाता है इसलिऐ नजरें बचा लेते हैं । मगर उससे ज्यादा अभिभावक दोषी है जो देखते ही नहीं कि उनका बच्चा रूपये खर्च करने के बाद भी स्कूल के वाहनों में ज़बरदस्ती ठूंस ठूंस कर बैठाया जा रहा है। अगर कोई हादसा हो तो जिम्मेदारी प्रशासन पर थोप दी जाती है। ————————— राजेश वार्ष्णेय एमके