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उझानी पुलिस मेहरबान–इसलिए सट्टा माफिया ‘पहलवान’

एसएसपी ने दिऐ कड़ी कार्रवाई के संकेत।——————— उझानी बदांयू 10 नवंबर।

उझानी की गली-गली में सट्टे का काला कारोबार पनप रहा है।
शहर की गली-गली में सट्टे का काला कारोबार हो रहा है। सट्टा माफिया की जड़ें सिस्टम में बहुत गहरी हैं। सिस्टम में जड़ें क्यों गहरी हैं, शहर में पुलिस की मेहरबानी से सट्टा माफिया फल-फूल रहा है, लेकिन सट्टे की लत ने शहर के हजारों परिवार तबाह कर दिए हैं। कई लोग कर्ज तले दबे हैं, कई की जमीन, मकान, दुकान, घर का सामान तक बिक गया।
पर्ची वाला सट्टा गली-गली में खुलेआम चलता है। अब यह सट्टेबाज भी वाट्स एप पर सट्टा लेने लगे हैं।
वही क्रिकेट मैच पर आनलाइन सट्टा अब सबसे ज्यादा चलन में है। मोबाइल पर ही किक्रेट मैचों पर सट्टा खेलकर आनलाइन भुगतान का भी लेन-देन हो जाता है। नगर मे किक्रेट सट्टे का भी प्रचलन बढ गया है। ———————
यह हैं पर्ची वाले सट्टे के बड़े अड्डे
साहूकारा मोहल्ले के होली चौक में यहां पुलिस कई बार कार्रवाई कर चुकी है मगर सिर्फ सटोरिए को बाईक पर घुमाने की।—————————–
सब्जी मंडी के पीछे खुलेआम सट्टेबाजी का फड़ लगा है।——————-
गोतम पुरी, पुरानी अनाज मंडी, कश्यप पुलिया, नई अनाज मंडी पर खुलेआम सट्टेबाजी चलती है। कोतवाली के कई पुराने सिपाही खुले आम सट्टेबाजों से चौथ वसूली करते देखे जाते हैं। ————————
जिन क्षेत्र में पर्ची वाला सट्टा या फिर जिन क्षेत्रों के सट्टेबाज क्रिकेट पर सट्टा खिलाते हैं। उस बीट के पुलिसकर्मियों की सक्रियता कम होने की वजह से इन तक जानकारी नहीं पहुंचती। अगर जानकारी पहुंचती है तो कार्रवाई क्यों नहीं होती?
हर थाने में आपराधिक सूचना संकलन के लिए पुलिसकर्मी होते हैं, इनका काम ही क्षेत्र में अपराधियों के मूवमेंट, जुआ, सट्टे, अवैध हथियार, मादक पदार्थों की जानकारी इकठ्ठी कर थाना प्रभारी व वरिष्ठ अधिकारियों को देना होती है। यह सिविल ड्रेस में घूमते हैं। या तो यह सक्रिय नहीं हैं या फिर जानकर भी अंजान हैं।
थाना प्रभारी को हर बैठक में सट्टे, जुए पर कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं, फिर भी सख्त कार्रवाई नहीं होती।
क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी है, संगीन अपराधों से लेकर बड़े सट्टेबाजों पर कार्रवाई करना लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं पर होती है, जो नए होते हैं, सालों से इस काले धंधे में लिप्त लोगों पर कोतवाली पुलिस का आशीर्वाद है, पिछले दो वर्ष से पुलिस ने सट्टेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं ।——————————
खाकी के साथ खादी का भी संरक्षण
खाकी के साथ बड़े सट्टेबाजों को खादी का भी संरक्षण हैं। कई बड़े सट्टेबाज नेताओं के संरक्षण से बचते हैं। जब एक को न पकड़ने का इशारा मिलता है तो इसकी आड़ में दूसरे भी खुलेआम यह काम करते हैं।
————————— राजेश वार्ष्णेय एमके।