11:37 am Friday , 31 January 2025
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यूपी में पुरुष टेलर नही ले सकेंगे महिलाओं के कपड़ों की माप, ना मेल ट्रेनर जिम में दे पाएंगे ट्रेनिंग

। ****** राज्य महिला आयोग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव——————
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को “बैड टच” से बचाने और पुरुषों के बुरे इरादों को रोकने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक, पुरुषों (मेल टेलर) को महिलाओं के कपड़े नहीं सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए। जिम में भी महिला ट्रेनर होनी चाहिए। यह प्रस्ताव राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा जिसका बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने समर्थन किया।

बता दें कि 28 अक्टूबर को हुई महिला आयोग की एक बैठक के बाद कई ऐसे सुझाव दिए गए, जिनमें पुरुषों को महिलाओं का नाप लेने की अनुमति नहीं देना और शॉप पर सीसीटीवी कैमरे लगाना आदि शामिल हैं। फिलहाल, अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और महिला आयोग बाद में राज्य सरकार से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध करेगा। महिला आयोग के नियमों का पालन करवाना जिला प्रशासन के जिम्मे होगा।
यूपी महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी को बताया- हाल ही में हुई महिला आयोग की बैठक में एक प्रस्ताव रखा गया था कि केवल महिला टेलर ही महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों का नाप लें। साथ ही शॉप पर सीसीटीवी कैमरे लगाए।
बकौल हिमानी अग्रवाल- हमने यह भी कहा है कि सैलून में केवल महिला नाई ही महिला ग्राहकों की देखभाल करें। क्योंकि, हमारा मानना है कि इस तरह के पेशे में शामिल पुरुषों की वजह से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होती है। वे (पुरुष) गलत व्यवहार करने की कोशिश करते हैं। कुछ पुरुषों की मंशा भी अच्छी नहीं होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी पुरुषों की मंशा खराब होती है।

वहीं बात करते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कहा कि जिस जिम में महिलाएं जाती हैं, उन जिमों में महिला ट्रेनर होनी चाहिए। सभी जिम ट्रेनर का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। जो महिला किसी पुरुष ट्रेनर से ट्रेनिंग लेना चाहे तो उसे लिखित में देना होगा।

क्योंकि, महिला आयोग को लगातार जिम जाने वाली महिलाओं और लड़कियों के शोषण की शिकायत मिल रही हैं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। साथ ही जिस टेलर शॉप में महिलाओं के कपड़े सिलते हैं, वहां नाप लेने के लिए महिला टेलर को रखा जाना सुनिश्चित किया जाए। यही नहीं जिन स्कूल बसों में लड़कियां जाती हों उनमें महिला कर्मचारी हो। फिलहाल, महिला आयोग ने सभी जिलों को इस संबंध में आदेश दिए हैं। जो नहीं मानेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।