8:18 am Friday , 31 January 2025
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वृंदावन पत्थर के हाथी से टपक रहे एसी के पानी को चरणामृत समझकर पीते रहे श्रद्धालु

।****/ बांके बिहारी मंदिर के वायरल वीडियो का सच।—————— सेवायतों ने बताया एसी का पानी।——————–
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में पीछे लोग हाथी के मुख से टपक रहे पानी को चरणामृत समझकर पी रहे हैं। इसको लेकर जब मंदिर के सेवायत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये पानी बिहारी जी महाराज का चरणामृत नहीं है, बल्कि गर्भगृह की सफाई और एसी का पानी है।

बांके बिहारी मंदिर
वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग मंदिर में लगे पत्थर के हाथी के मुंह से गिर रहे पानी को गिलास में लेकर पी रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि ये भगवान का चरणामृत है। ये सब उन्हीं की कृपा है जो यहां से चरणामृत प्राप्त हो रहा है।
इस वीडियो को लेकर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंदिर के पीछे जो दो हाथी बने हुए हैं, वहां से जल टपकता है। लोग उसे चरणामृत समझकर स्वीकार कर लेते हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि ये चरणामृत नहीं है। ये मंदिर की सफाई और एसी से निकलने वाला जल है। इसको लेकर गलतफहमी फैलाई जा रही है।

उन्होंने कहा, मैं श्रद्धालुओं से कहना चाहूंगा कि बिहारी जी महाराज के स्नान का जल जिसे हम सभी लोग चरणामृत के नाम से जानते हैं इतना सहज नहीं है कि वह नाली के माध्यम से गिरे और बाद में लोगों के पैरों तक पहुंचे। बिहारी जी के स्नान का जो जल है वह मंदिर के अंदर पुजारी भक्तों की अंजलि में देते हैं। तुलसी दल के साथ जो भक्त श्रद्धालु अपनी सुबह की शुरुआत बिहारी जी के चरणों से करते हैं। वो अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए बिहारीजी का जल लेकर जाते हैं।

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत ने बताया कि जो जल पत्थर के हाथी के मुख से गिर रहा है, वो मंदिर के गर्भगृह में लगे एसी का है, वहीं से यह पानी गिरता है और मंदिर के पीछे जाता है। कई बार श्रद्धालुओं इसे मंदिर का जल समझकर पी लेते हैं, लेकिन यह एसी का ही पानी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से ऐसा ना करने की अपील भी की कि इससे आपकी तबियत खराब हो सकती है।———————-इस जल का आचमन ले रहे श्रद्धालुओं से जब बात की गई तो उन्हें बताया गया कि यह जल मंदिर की साफ सफाई का है तो श्रद्धालु कहने लगे देखिए हमारे लिए यह भगवान के मंदिर में से आ रहा है तो यह भगवान का चरणों का जल है अब साफ सफाई का है, यह तो हमें मालूम नहीं है।