।**//////* बिशाल भंडारे के साथ रामकथा का समापन ।——————* उझानी बदांयू 29 अक्टूबर। नगर के गौशाला रोड स्थित धनवती देवी आवासीय बालिका इंटर कालेज में आज रामकथा के अंतिम दिन पूज्य महाराज शांतनु जी ने अरण्यकांड की कथा को प्रारम्भ किया। महाआरती के बाद आयोजित भंडारे के साथ ही भव्य रामकथा का आज समापन हुआ । शांतनु जी ने आज जयंत के मानभंग की कथा सुनाई नारद जी के समझाने पर वह भगवान के पास आकर क्षमा मांगी है और भगवान ने उसे क्षमा किया है, यही से प्रभु अत्रि अनुसुइया जी के आश्रम में आये है दोनों अत्यंत प्रसन्न हुए है माता अनुसुइया जी ने सीता जी को स्त्रीधर्म की बहुत सी बातें सिखलाई है । यहां से प्रभु आगे बढ़े है और ऋषियों ने प्रभु को अस्थियो के ढेर को दिखाया और भगवान ने भुजाये उठाकर प्रतिज्ञा की कि मैं इस धरती को निसिचर हीन करूँगा महाराज जी ने सुपर्णखा के गूढ़ एवं विनोदपूर्ण प्रसंग को सुनाया एवं गिद्धराज जटायु के 3 मार्मिक प्रसंग को भी सुनाया।
माता शबरी के प्रसंग को सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि शबरी सम्पूर्ण मानस में धैर्य व प्रतीक्षा की साक्षात प्रतिमूर्ति है । भगवान द्वारा शबरी को दिए गए नवधा भक्ति के उपदेश को सुनाया ततपश्चात हनुमान जी के माध्यम से सुग्रीव से भेंट हुई है
महाराज जी ने हनुमान जी की पावन कथा सुनाई । जिसे सुनकर सम्पूर्ण जनमानस भक्ति में सराबोर हो गया
हनुमान जी के माध्यम से सीता जी की खोज हुई है एवं नल नील के सहयोग एवं समस्त वानरों के परिश्रम से समुद्र पार सेतु का निर्माण हुआ।
विभीषण जी की शरणागति हुई ।
एवं लंका के भयानक रणांगण की कथा महाराज जी ने सुनाई जिससे सभी श्रोता रोमांचित हो गए भगवान के द्वारा रावण का उद्धार किया गया विभीषण को लंका का राजपद दिया है एवं माता सीता को लेकर लखन जी सहित पुष्पक विमान से अयोध्या पुनः आगमन हुआ है सारी अयोध्या भगवान का स्वागत कर रही है पूरी अयोध्या रोशनी से जगमगा रही है भगवान ने भरत जी को अपने हाथों से नहलाया है वशिष्ठ जी ने भगवान का राज तिलक किया है सभी ब्राह्मणों ने आशीष दिया है ।पूरी कथा में भगवान के राजतिलक की बधाईया गए जाने लगी सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। दोपहर बाद शुरू भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर अंजू चौहान, हिमांशु कृष्ण गुप्ता, संजीव गुप्ता, प्रवेश शर्मा, आदि मौजूद रहे।——————* राजेश वार्ष्णेय एमके।