————————– उझानी बदांयू 27 अक्टूबर।
दिवाली के लिए बाजारों में स्वदेशी झूमर, झालर और दीयों की मांग बढ़ी है। इससे स्थानीय कारीगर और दुकानदार उत्साहित हैं। चीनी सामान की अपेक्षा लोग भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके साथ ही ग्रीन पटाखों की भी बिक्री तेज हो गई है।
लोग त्योहार के मौके पर घरों को सजाने के लिए जमकर खरीदारी कर रहे हैं। लोग चीनी सामान को नकारते हुए भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कछला रोड बाजार, स्टेशन रोड, बिल्सी रोड बाजार में केवल स्वदेशी सामान की मांग है।
इससे दुकानदारों के साथ ही स्थानीय कारीगरों के भी चेहरे खिले हैं। उझानी में दिल्ली, मेरठ , फिरोजाबाद, बरेली ,गाजियाबाद समेत कई शहरों से आए झूमर, झालर, आर्टिफिशियल दीये खूब बिक रहे हैं। शहर में झूमर, झालर और दीयों की 20 बड़ी व 50 से अधिक छोटी दुकानें हैं, जो ग्राहकों को लुभा रही हैं।
दुकानदार राम मोहन ने बताया कि स्वदेशी होने के कारण 40 प्रतिशत तक सामान सस्ते हैं। उन्होंने कहा कि पहले चीनी सामान की खूब बिक्री होती थी, लेकिन इस बार लोगों में स्वदेशी सामान खरीदने का उत्साह है। सजावट का सामान हो या फिर अन्य सामान लोग देश में बने सामान की ही मांग कर रहे हैं।
दुकानदार प्रदीप कुमार ने बताया कि झूमर से घर में रौनक दिखाई देती है। इसे कपास लैस, फैंसी स्टोन व अन्य रंगों का इस्तेमाल कर बनाया गया है। शहर में इस बार दिल्ली के बने झूमर की काफी डिमांड है। शीशे और धातु के बने झूमर खूब बिक रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि उनके पास सेंसर पट्टी लाइट, फ्लावर झालर, मिर्ची लाइट, मोमबत्ती लाइट भी उपलब्ध हैं।
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ग्रीन पटाखों की खूब हो रही बिक्री
दिवाली के लिए बाजार में ग्रीन पटाखों की भी खूब बिक्री हो रही है। बाजारों में ग्रीन फुलझड़ी से लेकर राकेट व तेज आवाज वाले बम, चकरघिन्नी भी ग्राहकों को लुभा रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने ज्यादातर ग्रीन पटाखे सप्लाई किए हैं। इस दिवाली को 60 प्रतिशत ग्रीन पटाखे फूटने का अनुमान है।
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एलईडी टार्च, झूमर, सेंसर पट्टी लाइट उपलब्ध हैं। झूमर 80 रुपये से लेकर 300 रुपये तक मिल हैं। वहीं धातु की बनी झूमर एक हजार रुपये की उपलब्ध है। – रामू , दुकानदार,
आर्टिफीशियल दीये, मिर्ची लाइट, मोमबत्ती समेत दिवाली के सामान उपलब्ध हैं। सामान 30 रुपये से लेकर 600 रुपये तक मिल रहे हैं। – संजय कुमार, दुकानदार।———————-राजेश वार्ष्णेय एमके।