वजीरगंज बदायूं– नौनिहालों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पुष्टाहार का लाभ दिए जाने के लिए सरकार की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्र केवल कागजों में ही संचालित हो रहे हैं। इसकी पुष्टि विभागीय निरीक्षण से भी हुई है। सीडीपीओ व सुपरवाइजर ने अलग- अलग 11 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया तो एक को छोड़ सभी 10 केंद्र बंद मिले। गैरहाजिर कार्यकर्ता व सहायिका को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशील कुमार व मुख्य सेविका सुनीता देवी ने ब्लाक के 11 आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कस्बे के वार्ड संख्या चार का केंद्र खुला मिला। लेकिन यहां मौजूद अनीता कोई रिकार्ड नहीं दिखा पाईं। इससे वितरित होने वाले पुष्टाहार का सत्यापन नहीं हो सका। इसके अलावा कस्बे के वार्ड संख्या पांच, छह, सात, आठ व दस बंद मिले। ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का भी कमोवेश यही हाल मिला। गांव जाहरपुर का केंद्र बंद मिला। कार्यकत्री चंद्रावती गैरहाजिर मिली। निमठोली का केंद्र भी बंद था। संतोष गैरहाजिर थीं। इसके अलावा हतरा गांव के तीनों केंद्र भी पूरी तरह बंद मिले। यहां तैनात निगार जहां, आजमा बी, शबीना व सहायिका परवीन व मीना गैरहाजिर मिलीं।
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां केंद्र कभी नहीं खुलते। गर्भवती महिला, बच्चों को एमडीएम व पुष्टाहार का वितरण भी नहीं होता। इस हकीकत को देख निरीक्षण करने वाले अधिकारी भी हैरान हैं। बंद मिले केंद्रों पर तैनात कार्यकत्री व सहायिकाओं को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।