****** उझानी बदांयू 25 अक्टूबर। उझानी के सरकारी अस्पताल सीएचसी का हाल बेहाल है, अगर आपको मरीज दिखाना है तो बाहर की दवा खानी ही पड़ेगी। भले ही सरकार कहे कि दवा का अकूत भंडार है, कोई चिकित्सक बाहर की दवा नहीं लिखेगा। मगर कमीशन के खेल में यहां तैनात एक चिकित्सक हर मरीज को एक बाहर की दवा की पर्ची जरुर थमा देंगे। इस समय बुखार, डेंगू डायरिया,वायरल का प्रकोप चल रहा है देहात क्षेत्र के गरीब लोगों का सरकारी अस्पताल ही आसरा है, मगर यहां के एक चिकित्सक कमीशन के खेल में इतना मस्त है कि चाहे जरूरत हो या ना हो उन्हें एक दवा की पर्ची बाहर की लिखना ही है। बताते हैं कि कमीशनखोरी का यह हाल है कि एक ही मेडिकल स्टोर पर उक्त चिकित्सक की दवा उपलब्ध होगी। वह भी घटिया कंपनी की मरीज फायदा होने के चलते मजबूर हो जाता है बाहर से लिखी दवा लेने को मगर चिकित्सक है कि कमीशनखोरी के चलते बाहर की दवाईयां लिखना नहीं छोड़ते। बताते हैं कि इन चिकित्सक को अन्य जगह प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक से भ्रष्टाचार के चलते फिर से टर्मिनेट कर यही तैनात कर दिया गया है। फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते।———————— इस बाबत पूछने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजकुमार गंगवार ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है अगर ऐसा है तो दिखवाया जाएगा। बाहर से दवा नही लिखने दी जाएगी। अस्पताल में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है।———————– हाल बेहाल सरकारी अस्पताल का -शेष अगली किश्त में। ——-*—————राजेश वार्ष्णेय एमके।