7:57 am Friday , 31 January 2025
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अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम में बिना हथियार के हो रही मरीजों से लूट- अस्पताल का रजिस्ट्रेशन और चिकित्सकों की डिग्री दोनों नदारद

।——————————– उझानी बदांयू 25 अक्टूबर।
शहर से लेकर गांव-गांव तक कुकुरमुत्ते की तरह सैकड़ो नर्सिंग होम और पैथोलॉजिकल जांच केंद्र खुल गये हैं। जिनपर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का कोई अंकुश नहीं है। हालांकि इसको लेकर दोनों विभाग की एक संयुक्त टीम बनी है, लेकिन जांच टीम के उपेक्षा पूर्ण रवैया के कारण गली-गली में कुकुरमुत्ते की तरह नर्सिंग होम और पैथोलॉजिकल जांच केंद्र उगे हैं। जिनके द्वारा मरीजों का आर्थिक और शारीरिक दोनों रूप से शोषण किया जा रहा है या यूं कहें कि उनसे इलाज के नाम पर लूट की जा रही है। अगर ऐसे नर्सिंग होम की जांच की जाए तो ना तो उनके पास कोई रजिस्ट्रेशन होता है और ना ही उनके पास कोई वैध डिग्री होती है।

ऐसे अधिकांश नर्सिंग होम कंपाउंडरों के द्वारा या दलालों के द्वारा ही चलाया जा रहा है। वही आपको धोखा देने के लिए उनके बोर्ड पर दर्जनभर चिकित्सकों के नाम दिख जाएंगे। लेकिन, हंगामा होते ही बोर्ड और बैनर पोस्टर सब कुछ गायब कर दिया जाता है। ऐसे अनेक मामले शहर से लेकर गांव तक सामने आ चुके हैं। ऐसे ही नर्सिंग होम शहर के बिल्सी रोड पर आशा नर्सिंग होम व आशीर्वाद हास्पीटल नाम से संचालित होते है।

पिछले माह एक महिला की मौत के बाद आशा नर्सिंग होम के संचालक स्वास्थ्य विभाग को बंद करने की लिखित में सूचना दे चुके है मगर स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से बिना रजिस्ट्रेशन के बदस्तूर संचालित हे। वही आशीर्वाद हांस्पीटल में अवैध गर्भपात का मामला सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील कर दिया गया। फिर भी दूसरे गेट से संचालित हो रहा है।
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इस मामले में पूछे जाने पर सीएमओ डॉ रामेश्वर मिश्रा ने कहा कि फर्जी तरीके से संचालित नर्सिंग होम एवं पैथोलॉजिकल सेन्टर पर जांच चल रही है। वही अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम पर बोलने से कन्नी काटते नजर आऐ।—————————————-
-दो माह से सिर्फ जांच चल रही है वह भी सिर्फ कागजी खानापूर्ति है, लगता है कि जिले भर में अवैध रूप से विना रजिस्ट्रेशन चल रहे नर्सिंग होम व पैथोलॉजी सेन्टर एवं अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग अंधा , गूंगा व बहरा बना बैठा है। सब कुछ जानते हुए कार्रवाई करने से क्यूं डरता से शायद सेटिंग का चक्कर है ? । ———————–राजेश वार्ष्णेय एमके।