*यूएन दिवस पर राजनीति के विद्यार्थियों ने किया विमर्श*
आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राजनीति विज्ञान के तत्वावधान में राष्ट्रीय दिवस का आयोजन कर संयुक्त राष्ट्र संघ का इतिहास,उद्देश्य और विश्व शांति की दिशा में उसके द्वारा किए गए प्रयासों व उपलब्धियां की समीक्षा की गई।
प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार बत्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुए कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय शांति, सामूहिक सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक न्याय , स्वतंत्रता और समानता, मानवाधिकार आदि पहलुओं को छूते हुए मानव कल्याण के लिए यूएनओ की प्रासंगिकता पर विचार विमर्श किया।
मुख्य वक्ता इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माण की दृष्टि भूमि को बताते हुए कहा कि यह ऐसा वैश्विक मंच है जहां सभी सदस्य देश युद्ध और शान्ति की समस्याओं सहित समस्त प्रकार के कठिन मुद्दों को उठा सकते हैं। प्राचार्य डॉक्टर नरेंद्र कुमार बत्रा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ मानवीय सहायता प्रदान कर सतत विकास के लिए कार्य करने वाला निरपेक्ष संगठन है परंतु महाशक्तियों के चंगुल से मुक्त नहीं हो पा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर राजनीति विज्ञान के विभाग आदर्श डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि विश्व सरकार से धरती को स्वर्ग बनाया जा सकता है। किंतु मानव स्वभाव के कारण विश्व सरकार बनाना एक असंभव कार्य है। परन्तु उसका विकल्प और पूर्वाभ्यास के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ अपने को सिद्ध करने का प्रयास कर रहा है।
राजनीति विज्ञान परिषद के संयोजक डॉ दिलीप कुमार वर्मा ने कहा कि राजनीतिक मुद्दों को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र संघ की असफलता जगजाहिर है। फिर भी गैर राजनीतिक मामलों में बिना भेदभाव के संपूर्ण विश्व के विकास और मानव कल्याण से जुड़े विषयों पर संयुक्त राष्ट्र की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की उपयोगिता और उपलब्धियों पर डॉ हुकुम सिंह, डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ गौरव कुमार सिंह,अनूप सिंह यादव, वैभव मिश्रा, शमां उमर आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर डॉ श्रद्धा गुप्ता, डॉ ज्योति बिश्नोई, डॉ पवन कुमार शर्मा, डॉ सारिका शर्मा, निखिल सिंह चौहान, शिव कुमार। आदि उपस्थित थे।