******************** उझानी बदांयू 24 अक्टूबर।
मिठाई के शौकीन हैं तो सतर्क रहें। बाजार से आधे दाम पर मिठाई देकर धंधेबाज आपकी सेहत से खेल रहे हैं। हो सकता है जो छेना और खोवा की मिठाई आप खा रहे हैं, उसमें खतरनाक केमिकल मिला हो। धंधेबाज छेना की मिठाई को सफेद और चमकदार दिखाने के लिए सोडियम हाइड्रो सल्फेट मिला रहे हैं।
कलर लाने के लिए रंगों का इस्तेमाल हो रहा है। जिस रसमलाई को आप केसरयुक्त समझकर खा रहे हैं, दरअसल वह रंगों के इस्तेमाल से तैयार हो रहा है। नगर में हर तरह की मिठाई रेडीमेड मिल जाएगी। वह भी बाजार से आधे दाम पर। अगर सप्ताह भर में मिठाई नहीं बिकी तो वापसी भी होती है और फिर उस मिठाई को रिसाइकिल करके कुछ खोवा और छेना मिलाकर ताजी मिठाई बताकर बेच देते हैं।————————-
मिठाई के दुकानदार ने बताया कि शुद्ध दूध का छेना अगर रहेगा तो सफेद दिखेगा और चमक भी रहती है, लेकिन सिंथेटिक दूध से तैयार छेना में पीलापन होता है। इसलिए, उसमें सोडियम हाइड्रो सल्फेट मिलाया जाता है। इससे छेना में चमक आ जाती है। इसी तरह मिल्क केक में सूजी, पाउडर दूध मिलाकर चीनी की मात्रा बढ़ा देते हैं।
उन्होंने बताया कि रेडीमेड बूंदी 70 से 80 रूपए किलो आती है, चासनी बनाओ बूंदी डालकर लड्डू तैयार। 80 रुपये किलो बेसन का लड्डू मिल जाता है। तीन और पांच किलो के पैकेट में बर्फी और पेड़ा मिलता है। थोक रेट में हमें 125 से 150 रुपये में पड़ते हैं। 20 किलो के डिब्बे में सफेद रसगुल्ला और काला जामुन मिलता है। दिवाली के तीन दिन पहले से मिठाई की बिक्री शुरू हो जाती है। कारीगर रखकर कोई कितना माल तैयार कराऐगा।
———————–*——- खाद्य विभाग को लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले धंधेबाजों पर शिकंजा कसना चाहिए , जिससे नगर में सस्ती व नुकसान दायक मिठाई बिकने ना पाए।
————————- बाजार में रेडीमेड मिठाई आती है। मिलावट वाले इस मिठाई की कीमत बहुत कम होती है, इसलिए छोटे दुकानदार यहीं से खरीदते हैं। बुधवार को पड़ताल की गई। नगर में 10 से ज्यादा दुकानें थीं, जहां हर तरह की मिठाई उपलब्ध थी। किसी भी मिठाई के डिब्बे पर एक्सपायरी डेट और दुकान का जिक्र नहीं था। एक दुकानदार ने बताया कि उसके यहां 100 रुपये किलो में सोन पापड़ी और 80 रुपये में बेसन का लड्डू मिलेगा।
जब उसे बताया गया कि दुकान के लिए चाहिए, फिर उसने कहा जिनता माल चाहिए आर्डर दीजिए, दुकान पर पहुंचा देंगे। दुकान तो शोरूम जैसा है, माल तो गोदाम से जाएगा। दुकानदार ने बताया कि उसके यहां तीन और पांच किलो का पैकेट पेड़ा और कलाकंद का है। बस उसे ले जाइए और अपनी सुविधानुसार साइज काट लीजिए।
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फिजिशियन डॉ इबा फरमान ने बताया कि सोडियम हाइड्रो सल्फेट से शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। ब्लड का पीएच बढ़ जाता है। ऐसे केमिकल युक्त मिठाई के सेवन से पूरे शरीर की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसी तरह रंग के इस्तेमाल से बनी मिठाई भी बहुत हानिकारक है। इससे आंतों में सूजन आने लगती है। किडनी और लिवर पर भी असर पड़ सकता है। विश्वसनीय दुकानों से ही मिठाई लें तो अच्छा है, वरना सेहत को नुकसान हो सकता है।——————–****- राजेश वार्ष्णेय एमके।