।*।————————– नवजात की मौत का मामला ——————————————— हर दिन तकरीबन 5 प्रसव कराए जाते हैं।
————————— उझानी बदांयू 19 अक्टूबर।
उझानी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल में नवजात पैदा होने पर 1100 से लेकर 2100 रुपए लेने का चलन हो गया है। प्रसव कराने वाली नर्सें महीने में दो से तीन लाख रुपये से भी अधिक वसूल रही हैं। हालात यहां तक है कि यह नेग न देने पर आपकी गोद में नवजात को नहीं दिया जाएगा। इसमें कई बार परिवार की आर्थिक स्थिति का भी ध्यान नहीं रखा जाता।
आज सुबह ही कोतवाली क्षेत्र के गांव रायपुर निवासी अंजलि की सीएचसी पर नेग के चक्कर में नवजात की कोख में ही मौत हो जाने का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि नेग के 5000 रुपये न देने पर नर्स ने गर्भवती महिला को देखना मुनासिब नहीं समझा। काफी देर बाद दो हजार देने पर ड्यूटी पर तैनात नर्स ने देखा तब तक नवजात की कोख में ही मौत हो गई । हालांकि स्वास्थ्य विभाग जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन परिवार को दे रहा है।
नवजात होने पर नेग मांगने का सिलसिला सीएचसी पर काफी समय से बदस्तूर जारी है। यहां हर दिन कम से कम 5 प्रसव कराए जाते हैं। हर नवजात पर 1100 रुपये से 2100, तक नेग वसूले जा रहे हैं। महीने में वसूली की यह रकम दो से तीन लाख तक पहुंच जाती है। अस्पताल में नेग के पैसे देने की शिकायत कई बार तीमारदार कर चुके। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होने से यह रुक नहीं रहा है।
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नेग के नाम पर जबरन वसूली करते हैं। मेरी बहू के लड़की हुई फिर भी 1500 रूपये ले लिऐ। -मुन्नी, अब्दुल्ला गंज।
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नेग लेने पर बच्चा गोद में दिया। कम रकम देने पर नहीं मानते। इंजेक्शन, दवा भी बाहर से मंगाना पड़ता है। -खुशी, गंगोरा।
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नेग देना जरूरी हो गया है। मजबूरी में देना ही पड़ता है। डर लगता है कि न देने पर बच्चे को कुछ कर न दें। पूजा, चूड़ियां।—————————————-
हमारी तरफ से नेग देने का कोई आदेश नहीं है। यदि अस्पताल में ऐसा हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई करूंगा। -डॉ. राजकुमार गंगवार, अधीक्षक सीएचसी उझानी। ———————— राजेश वार्ष्णेय एमके।