10:54 pm Thursday , 30 January 2025
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652 वर्ष बाद सूर्य,बृहस्पति,शनि और शुक्र बना रहे हैं करक चतुर्थी को विशेष— आचार्य राजेश कुमार शर्मा

धर्मसिंधु, निर्णयसिंधु और व्रतराज जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में करवा चौथ को करक चतुर्थी कहा जाता है।
इस दिन गणेश जी और करवा माता की पूजा की जाती है। अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
यह व्रत महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना के लिए करती है। आचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार इस बार ग्रहों की बात करें तो इस बार करवा चौथ पर ग्रहों का बहुत अच्छा संयोग है जो की 652 वर्ष बाद बन रहा है। सूर्य इस समय तुला राशि में हैं, शनि कुम्भ राशि में, गुरु वृष राशि में और शुक्र वृश्चिक राशि में हैं।

पूजा मुहूर्त
करवा चौथ रविवार, 20 अक्टूबर

पूजन समय7:05 से 8:48 तक रात्रि

चंद्रोदय रात्रि 07:49 बजे (बरेली मंडल)

आपको जानकारी रहे कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर रविवार की संध्या 07 बजकर 49 मिनट पर चांद निकलने का समय है। वहीं, पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:05 से लेकर 08:48 तक रहेगा।
कई जगह महिलाएं दोपहर में भी कथा सुन लेती हैं।
बस राहुकाल के समय को छोड़ देना चाहिए।
महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। रात्रि में चलनी में चांद और पति को देखकर जल ग्रहण करती हैं।
यहां यह बताना उचित रहेगा प्रातः काल सूर्योदय के साथ भद्रा रहेगी जो कि 6:48 तक मान्य है श्रेष्ठ यह रहेगा पूजा इत्यादि के कार्य 6:48 के बाद ही प्रारंभ करें।

आचार्य राजेश कुमार शर्मा