8:34 am Friday , 31 January 2025
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पिंडौल में राम और रावण जन्म की लीला का हुआ मंचन

पिंडौल में राम और रावण जन्म की लीला का हुआ मंचन

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिन्डौल में चल रहे रामलीला में बीती रात रावण जन्म के साथ-साथ राम जन्म की लीला का भी मंचन किया गया। राजा दशरथ के चार पुत्रों का जन्म होता है सबसे बड़े राम, भारत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न चार पुत्र जब बड़े होने लगते हैं तो उनकी शिक्षा दीक्षा के लिए गुरु वशिष्ठ को बुलाया जाता है। उन्हे आश्रम में गुरु शिक्षा के लिए भेज दिया जाता है। फिर महलों को वापस चले आते हैं। विश्वामित्र को पता चलता है अयोध्या के राजा दशरथ के यहां राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म हो चुका है क्यों ना उनके पुत्रों को मांग लिया जाए और यज्ञ पूर्ण करा लिया जाए। दशरथ गद्दी पर बराबर बैठा लेते हैं और उनके चरण पड़कर कहते हैं ठीक है गुरुदेव बताइए मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं तब विश्वामित्र कहते हैं अपने पुत्र राम लखन को कुछ दिनों के लिए मुझे सौंप दीजिए पहले तो दशरथ जी मना करते हैं लेकिन जिद करने पर राम को विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। उसके बाद राम ताड़का का वध करते हुए अहिल्या का उद्धार करते है। मरीच को 100 योजन भेजते हुए और विश्वामित्र का एक पूर्ण कराया फिर राम को अयोध्या वापस भेज दिया उसके बाद एक दिन राजा दशरथ दर्पण में अपना मुंह देखकर चिंता में पड़ जाते हैं और दरबारियो से कहते हैं क्या मुझ पर चौथा पन आ गया है इस राज्य का अब मेरा बेटा राम होगा ऐसे विचार करते हुए सुबह के लिए सुमंत के साथ वशिष्ठ के आश्रम में पहुंच जाते हैं और वशिष्ठ के पैर पकडते है। कल राम का राजतिलक होगा यह समाचार पूरे नगर में फैल जाता है। लोग खुशियां मनाने लगते हैं और अयोध्या नगरी को सजाने लगते हैं। इसके बाद मंच का पर्दा गिर जाता है। इस मौके पर कमेटी के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।