प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बी -4 आवास विकास स्थित सेवा केंद्र पर चल रहे सहज राज योग प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन प्रथम सत्र में ओम शांति रिट्रीट सेंटर गुड़गांव से पधारी ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने कहा कि
सहज राजयोग का अर्थ है अपनी इंद्रियों पर जीत पाकर परमात्मा से सहजता से जुड़ जाना l आज मनुष्य का सर्वाधिक योग भौतिक दुनिया व उसके पदार्थों से है, संबंधों से है जो उसके दुख का कारण हैl सुख ,शांति ,आनंद, प्रेम, पवित्रता और ज्ञान के स्रोत पिता परमात्मा से वह वियोग हुआ पड़ा हैl उसका योग परमात्मा से न होने के कारण जीवन में सुख, शांति, आनंद,प्रेम की अनुभूति नहीं हो पा रही हैl उसका जीवन भय, चिंता व बीमारियों से ग्रस्त होकर रोगी जीवन बन जाता है तथा विभिन्न प्रकार की लालसाओं के कारण उसका जीवन भोगी जीवन बन जाता है और वह अशांति से भर जाता है l योगी जीवन सर्वश्रेष्ठ जीवन है जो सुख, शांति ,आनंद व खुशियों से भरपूर होता हैl उन्होंने सत्संग का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि दैनिक जीवन में जो सत्य का साथ देता है वही सत्संग है और सत्य का संग करने से परमात्मा का साथ स्वत:ही प्राप्त हो जाता है l शिविर में लगभग 200 भाई बहने प्रातः और शाम प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैंl कार्यक्रम में सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अरुणा दीदी, नरेश भाई, रामस्वरूप सपरा व अन्य सभी भाई बहन उपस्थित रहेl
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