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वजीरगंज में चल रहे रामलीला महोत्सव में मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्री रामलीला के मंच पर अल्पसंख्यको का बिठाना और उनके द्वारा कलाकारों के नृत्य पर जम कर रुपए उड़ाना चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे तो रामलीला कमेटी के तमाम पदाधिकारी सनातन धर्म की बात कहते हैं लेकिन वजीरगंज में रामलीला मंच पर अल्पसंख्यकों को अतिथियों की तरह सत्कार करते हुए बिठाना और महान अतिथियों द्वारा मंच पर रूपए उडवा कर मजाक क्यों बनवाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि राम लीला कराने का अर्थ होता है कि हमारे नगर के बच्चों पर मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्री राम जैसा प्रभाव पड़े पर यहां तो छोटे छोटे बच्चों पर कुछ और प्रभाव पड़ रहा है।