बदायूँ। शहर के सागरताल नवादा रोड स्थित विश्व प्रसिद्ध विश्वासनीय एतिहासिक दरगाह ख्वाजगाने चिश्त हजरत मज़ाक मियां साहब रहमतुल्लाह अलैहि कुत्बे औलिया बदायूंनी के तीन रोजा सालाना उर्स का आगाज महफिले कुरआन ख्वानी से किया गया उर्स में हाजिर अकीदतमंदों ने मजारे मुबारक की हाजरी कर गुलपोशी व चादर पोशी कर दुआयें व मन्नतें मांगी।
जानकारी के मुताबिक हजरत मज़ाक मियां साहब के सालाना तीन रोजा उर्स के पहले दिन कुरआन ख्वानी की महफिल से उर्स का आगाज किया गया उसके बाद कब्बाली की महफिल भी सजाई गई इस बीच उर्स तशरीफ लाये जायरीनों व अकीदतमंदों ने हजरत मजाक मियां साहब के मजारे मुबारक पर हाजरी कर गुलपोशी व चादरपोशी की रस्म अदायगी कर दुआयें व मन्नतें मांगी।
हाजिर अकीदतमंदों का मानना है कि यहां दरगाह की की गई हाजरी कभी खाली नहीं जाती है और सच्चे दिल से मांगी गई दुआ व मन्नत जरूर पूरी होती है। जिसके मद्देनजर यहां दरगाह पर जायरीनों व अकीदतमंदों का आना जाना लगा रहता है।
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