बिल्सी रामलीला में हुआ राम-भरत मिलाप का भावपूर्ण मंचन
बिल्सी। नगर के मेला ग्रांउड में चल रही रामलीला के मंचन में बीती रात वृदावन के कलाकारों द्वारा श्रीराम-भरत मिलाप की लीला का मनमोहन और मार्मिक मंचन किया गया। बीती शनिवार की रात रामलीला का शुभारंभ भरतलाल और शत्रुघ्न के अयोध्या लौटने से होता है। अयोध्या में राजा दशस्थ की मृत्यु होने के कारण चारों ओर शोक छाया है और राम, लक्ष्मण तथा जानकी मां सीता के अयोध्या से वन गमन के कारण प्रजा में भी मायूसी का आलम है। महल से लेकर झोपडी तक सभी जगह सूनापन और अंधेरा कायम है। राम, लक्ष्मण व सीता के वनवास व पिता दशरथ के मरण का समाचार पाकर वह बेहद दुखी हो जाते हैं। गुरु वशिष्ठ से कहते हैं कि मुझे अयोध्या का सिंहासन नहीं चाहिए। मेरा कल्याण तो भैया राम की सेवा में है। इसके बाद तीनों माताओं को लेकर भरत अपने अनुज शत्रुघ्न के साथ श्रीराम को मनाने के लिए चित्रकूट पहुंचते हैं। यहां गंगा किनारे का दर्शन होता है। जहां पर राम सीता व लक्ष्मण के साथ विराजमान है। उनके पास एक भील आता है और भरत के सेना के साथ आने की जानकारी देता है। इस बीच भरत पहुंचते हैं और भगवान श्रीराम को देखते ही उनसे लिपट जाते हैं। रोने लगते हैं। आग्रह करते हैं कि अयोध्या लौट चले। राम-भरत मिलाप के इस मार्मिक दृश्य को देखकर सभी की आंखें भर आती हैं। भरत सहित माताएं, गुरुदेव सभी राम को मनाने की कोशिश करते हैं। राम के इंकार के बाद गुरू वशिष्ठ कहते हैं कि आप अपनी चरणपादुका भरत को सौंप दें। जिन्हें राजगद्दी पर रखकर भरतलाल राज करेंगे। श्रीराम अयोध्या वापस लौटने से इंकार कर देते हैं तो भरत उन भरत उनकी चरणपादुका अपने सिर पर उठा कर अश्रुपूरित होकर वापस अयोध्या लौट जाते हैं। इस मौके पर मेला कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।