प्रत्येक व्यक्ति को श्रीराम का अनुयायी होना चाहिए
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी स्थित आर्य समाज मंदिर में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां यज्ञ करके राष्ट्र कल्याण की तथा विश्व शांति की कामना की गई। अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि बुराई छोड़ने का संकल्प लेना ही सही मायने में रावण का पुतला जलाना है। रावण बुराई का प्रतीक है राम अच्छाई के प्रतीक है। प्रत्येक व्यक्ति को राम का अनुयाई होना चाहिए। यदि आप चोरी करते हैं, मिलावट करते हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त है, हिंसक है, ईर्ष्यालु है, अहंकारी हैं तो आप रावण के ही अनुचर है। विजयदशमी का पर्व शस्त्र और शास्त्र की पूजा का दिन है। आज के दिन हमें एक हाथ में शस्त्र और एक हाथ में शास्त्र लेने का संकल्प करना चाहिए, क्योंकि बिना शास्त्र के शस्त्र बेकार है और बिना शस्त्र के शास्त्र बेकार है। वैदिक विदुषी तृप्ति शास्त्री ने कहा कि रामायण के सभी पात्र अनुकरणीय है। सुग्रीव और विभीषण मित्रता की नई परिभाषा देते हैं, वहीं भरत लक्ष्मण भ्रातत्व प्रेम की अनोखी मिशाल पेश करते हैं। सीता माता आज भी नारी जाति के लिए आदर्श है। इस अवसर पर आर्य समाज के सभी सदस्य व आर्य संस्कारशाला के बच्चे मौजूद रहे।