पापियों का नाश करने के लिए पृथ्वी पर जन्म लेते है भगवान
बिल्सी। क्षेत्र के गांव सुंदरनदर-बेहटाजवी में गुर्रा खेड़ा श्री बालाजी महाराज के मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक परम श्रद्धे नित्यानंद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म की लीला का बखान करते हुए कहा कि जब पृथ्वी पापियों का बोझ सहन नहीं कर पा रही थी, तब सभी देवता ब्रह्मा जी एवं शिव के साथ क्षीर सागर में भगवान की स्तुति करने लगे। तब भगवान श्री हरि ने प्रसन्न होकर देवताओं को बताया कि मैं वासुदेव और देवकी के घर कृष्ण रूप में जन्म लूंगा और वृंदावन में मां यशोदा व नंदबाबा के घर बाल लीलाएं करूंगा। इसलिए आप सब भी उस समय धरती पर किसी ना किसी रूप में उपस्थित रहना। उन्होने बताया कि जब भगवान ने पृथ्वी पर श्रीकृष्ण अवतार धारण किया तब सभी देवता और स्वयं ब्रह्मा व शिव जी भी भगवान की लीलाओं के साक्षी बने थे। इस मौके पर खेतलराम पाल, डॉ.डोरीलाल बघेल, श्यामवती बघेल, ओमपाल बघेल, हरपाल बघेल, गोरे राठौर, विनीत कुमार, छोटे ठाकुर, सुखवीर सिंह, रामगोपाल, ओम बघेल, कैलाश चंद्र, वीरेंद्र पाल, उदयपाल सिंह, नेत्रपाल, सुनील कुमार, पप्पू शाक्य आदि मौजूद रहे।