बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी ग्राम में स्थित आर्य समाज मंदिर में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर यज्ञ करके राष्ट्र कल्याण की तथा विश्व शांति की कामना की गई । अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा “बुराई छोड़ने का संकल्प लेना ही सही मायने में रावण का पुतला जलाना है ! रावण बुराई का प्रतीक है राम अच्छाई के प्रतीक है ! प्रत्येक व्यक्ति को राम का अनुयाई होना चाहिए ! यदि आप चोरी करते हैं मिलावट करते हैं भ्रष्टाचार में लिप्त है हिंसक है इस ईर्ष्यालु है अहंकारी हैं तो आप रावण के ही अनुचर है । विजयदशमी का पर्व शस्त्र और शास्त्र की पूजा का दिन है ! आज के दिन हमें एक हाथ में शस्त्र और एक हाथ में शास्त्र लेने का संकल्प करना चाहिए क्योंकि बिना शास्त्र के शस्त्र बेकार है और बिना शस्त्र के शास्त्र बेकार है ! वैदिक विदुषी कुमारी तृप्ति शास्त्री ने कहा “रामायण के सभी पात्र अनुकरणीय है ! सुग्रीव और विभीषण मित्रता की नई परिभाषा देते हैं वहीं भरत लक्ष्मण भ्रातत्व प्रेम की अनोखी मिशाल पेश करते हैं ! सीता माता आज भी नारी जाति के लिए आदर्श है । इस अवसर परआर्य समाज के सभी सदस्य व आर्य संस्कारशाला के बच्चे मौजूद रहे