10:37 am Thursday , 30 January 2025
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बदांयू में स्वास्थ्य विभाग की मिली-भगत,एक-एक डॉक्टर चला रहे सात से आठ पैथोलॉजी सेंटर

बदांयू उझानी सहसवान बिल्सी बजीरगंज बिसौली में फैला हे अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर का मकड़जाल।——————————
बदांयू 12 अक्टूबर।

जिला स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से सात-आठ पैथोलॉजी लैब जिले में एक-एक डॉक्टर के नाम पर चल रही है। जिले के बाहर कार्यरत डॉक्टरों के नाम से भी लैब चल रही है। खास बात यह है कि ऐसे डॉक्टरों के नाम से भी लैब चल रही है, जिनका जिले में रिकार्ड ही नहीं है।
शहर की गलियों, चौराहों और जिला अस्पताल के आसपास ज्यादा पैथोलॉजी लैब चल रही हैं। कई लैब पार्किंग या दवा की दुकानों में चल रही हैं। जिले में स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ 20 के करीब लैब पंजीकृत हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लैबों को पंजीकृत तो किया मगर मिलीभगत के चलते शहर में चल रहे लैबों की जांच तक नहीं की। इसका परिणाम है कि एक-एक डॉक्टर के नाम पर सात-आठ लैब चल रही हैं।

जिन डॉक्टर के नाम पर कई-कई लैब चल रही है, वह कई पंजीकृत पैथोलॉजी का संचालन करने वाले डॉक्टरों को स्थानीय चिकित्सक भी नहीं जानते हैं। इन लैबों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अफसर जानते हैं मगर मिलीभगत की वजह से नजरअंदाज करते हैं। इसका खामियाजा जनता उठा रही है। ————————– स्वास्थ्य विभाग का एक ही रटा-रटाया जवाब कि कार्यवाही करेंगे देखेंगे ? एक डॉक्टर एक-दो नहीं बल्कि छह-सात लैब में कैसे काम कर सकता है जबकि पैथोलॉजी सेंटर भी दूर-दूर हैं। स्पष्ट है कि मानकों को ताक पर रखकर पंजीकरण किया गया है। ये लैब मरीजों की सेहत के बारे में सोच नहीं रही हैं।ओर मनमाने तरीके से संचालित हो रही है।

जिम्मेदार पद थे फिर भी चल रही सात पैथोलॉजी लैब
जिस डॉक्टर के नाम से जिले में सर्वाधिक पैथोलॉजी लैब चल रही हैं, स्वास्थ्य विभाग में जिम्मेदार पद पर तैनात रहे हैं। इसकी वजह से नियमों को ताक पर रखा गया। खुद विभाग के अफसरों का कहना है कि इसके बारे में सब जानते हैं। एक डॉक्टर तो ऐसे हैं, वह घर से नहीं निकलते मगर लैब चला रहे हैं।

लोगों का कहना का है कि पैथोलॉजी के बोर्ड पर पैथोलॉजिस्ट का नाम, लाइसेंस नंबर और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से शिकायत की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस वजह से अवैध लैब खुल रही हैं और एक ही डॉक्टर के नाम पर कई-कई लैब संचालित हैं। पंजीकरण करते समय विभाग के जिम्मेदार अफसरों को सब दिखता है मगर वह ध्यान नहीं देते हैं। इनकी जांच होनी चाहिए।
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यदि कई-कई लैब एक डॉक्टर चला रहे हैं या बाहर के डॉक्टर इनका संचालन कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. रामेश्वर मिश्रा सीएमओ——————-* संपादक सुशील धींगडा।