।****************** उझानी बदांयू 12 अक्टूबर।
टमाटर के रेट आसमान छू रहे हैं। आलम ये है कि अब टमाटर ने सेब को पीछे छोड़ दिया है। सेब से भी अधिक महंगा टमाटर बिक रहा है।
महंगाई की मार से मध्यम वर्ग पूरी तरह बेहाल है। आलम यह है कि हरी सब्जियों की कीमत फलों से अधिक हो गई है। सब्जी मंडी में टमाटर 100 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि बेहतर किस्म का सेब 80 रुपये किलो है। बीते तीन सप्ताह में अधिकांश सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। सब्जी व्यापारी महंगाई का कारण बारिश में फसल खराब होना मान रहे हैं।
सब्जी मंडी में शनिवार को जब दुकानदारों से सब्जियों की बढ़ती महंगाई का कारण पूछा तो विक्रेताओं ने बताया कि जिले के आसपास क्षेत्र में पैदा होने वाली सब्जी बारिश में पूरी तरह बर्बाद हो गई। ऐसे में अब बाहर से सब्जियां मंगाई जा रही हैं। महंगाई की यह मार आगे कितना सताएगी यह तो आने वाले समय तय करेगा। हालांकि, सब्जी व्यापारी अगले तीन माह में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद लगा रहे हैं।
महंगाई की मार से महिलाओं को अपनी घरेलू बजट से किचन संभालने में कई आवश्यकताओं की कटौती करनी पड़ रही है। सब्जी मंडी में व्यापारी राम कुमार ने बताया कि हरी सब्जियों की कीमतों में वृद्धि होने के कारण बाजार में भी मंदी छाई है। सब्जी दुकानदार रामदेव ने कहा कि वर्तमान समय में 60 प्रतिशत हरी सब्जियां मध्य प्रदेश के अलावा अन्य जगह से आ रही हैं। हरी मिर्च 100, शिमला 120, गोभी 100से 120 रूपए किलो बिक रही है।
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सलाद की प्लेट से दूर हुआ टमाटर
सबसे ज्यादा महंगाई सलाद और कई सब्जियों में प्रयोग होने वाले टमाटर पर छाई है। टमाटर सौ रुपये किलो फुटकर में बिक रहा है। फुटकर में भी दो भाव सुनने को मिल रहे हैं। छोटे साइज का हल्का दागदार टमाटर 70 से 80 रुपये किलो और अच्छी गुणवत्ता का सुर्ख टमाटर 100 रुपये किलो से कम नहीं है। वहीं, आवक ज्यादा होने से सेब अब टमाटर के भाव से नीचे पहुंच गया है। सेब के भाव 80 रुपये किलो तक हैं, अधिक मोल-भाव करने पर छोटा साइज को बेहतर सेब 60 रुपये किलो था। वही थोडा दाग लगा तो आवाज लगाकर 30 रूपए किलो तक बिक रहा है। ———————– राजेश वार्ष्णेय एमके