5:22 pm Saturday , 1 February 2025
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नवम स्वरूप माता सिद्धिदात्री

*शारदीय नवरात्र नवम दिवस माता सिद्धिदात्री*

*विक्रम संवत 2081 शारदीय नवरात्रि के 9 दिन के उत्सव में अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है दुर्गा मां के सिद्धि और मोक्ष देने वाले स्वरूप को सिद्धिदात्री के नाम से पूजा जाता है ऐसी मान्यता है नवरात्र के 8 दिनों में सच्चे मन से मां की आराधना की जाए तो माता रानी आपकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करेंगी देव यक्ष किन्नर दानव ऋषि मुनि साधक और गृहस्थ आश्रम में जीवन यापन करने वाले भक्त मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं सिद्धिदात्री देवी की पूजा से यश बल और धन की प्राप्ति होती है अपने साधक भक्तों को महाविद्या और अष्ट सिद्धियां प्रदान माता करती हैं मार्कंडेय पुराण के अनुसार सभी देवी देवताओं को भी माता सिद्धिदात्री से ही सदियों की सिद्धियां प्राप्ति हुई हैं मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान है हाथों में कमल शंख गदा सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं सिद्धिदात्री देवी मां सरस्वती का स्वरूप है उन्हीं की भांति श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं और मधुर स्वर से अपने भक्तों को सम्मोहित करती हैं सिद्धि और मोक्ष देने वाली दुर्गा को सिद्धिदात्री कहा जाता है/*
*नवे दिन सिद्धिदात्री की पूजा के लिए नवाहन का प्रसाद और नवरस युक्त भोजन और नौ प्रकार के फल फूल आदि को अर्पण कर नवरात्र का समापन करना चाहिए/*
*दुर्गासप्तशती के नवे अध्याय से मां का पूजन करें माता सिद्धिदात्री को मौसमी फल हलवा पूरी काले चने खीर और नारियल का भोग लगाएं और संभव हो पूजन करते समय बैगनी जामुनी रंग के वस्त्र पहने तो अच्छा रहेगा मां की पूजा के बाद छोटी बच्चियां को भोजन कराना चाहिए उससे पूर्व उनके पैर धोकर के आशीर्वाद लें और मां के प्रसाद के साथ ही उनको दक्षिणा एवं चरण स्पर्श करके विदा करें जो जातक ऐसा करते हैं उन्हें संसार में अर्थ धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है/*
*आराधना मंत्र*
*या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता/*
*नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः/*
*स्तुति मंत्र*
*सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धनधान्यस्वता विता l*
*मनुष्यमति प्रसादेनी भविष्यति न संशय: l*

*मां दुर्गे के सभी रूप सभी की मनवांछित इच्छाओं को पूर्ण करें/*

*राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य*
*9058810022*