5:31 am Friday , 31 January 2025
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भगवान अपने भक्त को कभी भी संकट में देखना नहीं चाहते है

भगवान अपने भक्त को कभी भी संकट में देखना नहीं चाहते है

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव सुंदरनदर-बेहटाजवी में गुर्रा खेड़ा श्री बालाजी महाराज के मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक परम श्रद्धे नित्यानंद महाराज ने महारास के प्रसंग के अंतर्गत बताया कि समस्त गोपियों के साथ भगवान कृष्ण महारास कर रहे थे। उसी समय गोपियों के मन में एक अभिमान जागृत हो गया कि भगवान कृष्ण मेरे लिए ही यहां धरा पर आए हैं। इस अभिमान को देख भगवान गोपियों को छोड़कर अंतर ध्यान हो गए क्योंकि भगवान को अभिमान कदाचित पसंद नहीं। यह देख गोपियां बहुत परेशान हुई। भगवान कृष्ण के वियोग में बहुत रोई रो-रोकर गोपी गीत गायन किया। यह देख भगवान उसी क्षण प्रकट हो गए। कथावाचक ने बताया कि जीव जब भगवान के लिए रोता है तो भगवान उसी क्षण उसके लिए प्रकट हो जाते है। भगवान अपने भक्त को कभी भी संकट में देखना नहीं चाहते है। जब भी कोई भक्त भक्ति भाव से पुकारता है तो वह अवश्य भक्त को दर्शन देते है। इस मौके पर खेतलराम पाल, डॉ.डोरीलाल बघेल, श्यामवती बघेल, ओमपाल बघेल, हरपाल बघेल, गोरे राठौर, विनीत कुमार, छोटे ठाकुर , सुखवीर सिंह, रामगोपाल, ओम बघेल, कैलाश चंद्र, वीरेंद्र पाल, उदयपाल सिंह, नेत्रपाल, सुनील कुमार, पप्पू शाक्य आदि मौजूद रहे।