महापुरुष स्मारक समिति एवम सर्व समाज जागरूकता अभियान भारत के संयुक्त तत्वावधान मे “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” सीता रोड स्थित नीलम हॉस्पिटल में समारोह पूर्वक मनाया गया। मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र रहे। अध्यक्षता डॉक्टर महेश कुमार गुप्ता (चेयरमैन हॉस्पिटल)ने की, संचालन डॉक्टर अरविन्द कुमार गुप्ता (बी ए एम एस)ने किया। बिशिष्ट अतिथि बदायूं से पधारे अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के मीडिया प्रभारी, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी,सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा,डॉक्टर नितिन कौशिक(एमबीबीएस) डॉक्टर निशा गुप्ता(बी ए एम एस)डॉक्टर शाजिया शाहीन(एम बी बी एस, एम एस)अंकुर बार्ष्णेय (बी फार्मा)पंकज वार्ष्णेय(बी फार्मा)राहुल सिंह(हॉस्पिटल मैनेजर),नत्थू सिंह(सामाजिक कार्यकर्ता )रहे।व्यवस्थापक शिवम यादव, अवधेश कुमार, अफजल खान, सीता कश्यप, गौतम वार्ष्णेय रहे। कार्यक्रम आयोजक पण्डित सुरेश चंद्र शर्मा रहे। मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलते जीवन के आधुनिक तौर तरीकों के कारण मानसिक रोगों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। हर तीसरा व्यक्ति एवम हर दूसरी महिला और हर तीसरा किशोर बच्चा मानसिक रोग से ग्रस्त हो रहा है। मानसिक अधिकतर रोगों का जागरुकता से तथा योग्य चिकित्सक के उपचार से समाधान सम्भव है। इस सबके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दस अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। समाज में प्राचीन काल से कहावत प्रचलित है कि “मन के जीते जीत है और मन के हारे हार।”आप जो भी मन में ठान लें वह असंभव कार्य भी संभव हो जाता है, बैसे भी धार्मिक ग्रन्थ और विद्वानों का कथन है कि हमे अपने मन में उठने वाले विचारों का अवलोकन करते रहना चाहिए जिससे नकारात्मक विचारों से मुक्त होकर सकारात्मक विचारों की ओर बढ़ सकें और खुद को मानसिक तौर पर स्वस्थ रख सकें। शारीरिक बीमारी से हम सब कमोवेश वाकिफ हैं लेकिन मानसिक बीमारी जैसे चिंता, भय, तनाव, अवसाद (डिप्रेशन), नींद न आना, डिमेंशिया, अल्जाइमर (याददाश्त खोना), आत्म हत्या के विचार इन सब पर शुरुवात में ध्यान नहीं देते हैं जो बाद में बड़ी समस्या का रूप ले सकते हैं। समाज में बहुत सी भ्रांतियां हैं कि घर या बाहर लोगों को बताने पर लोग मुझे पागल समझ बैठेंगे। जबकि यह मानसिक रोग पागलपन नहीं है बल्कि शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक तनाव के कारण है। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष दुनिया भर में आठ लाख लोग आत्महत्या करते हैं वहीं भारत में डेढ़ लाख लोग आत्म हत्या मामले करते हैं जिन्हें जागरुकता और इलाज के माध्यम से बचाया जा सकता है। अगर किसी को मानसिक रोग है तो कृपया निशुल्क आकर मुझसे मनोवैज्ञानिक तौर पर परामर्श ले सकते हैं क्योंकि मैंने सैकड़ो मरीजों का इलाज योग्य चिकित्सकों से कराकर जीवन बचाया है, अधिकतर किसी बीमार, पीड़ित, गरीब के इलाज में सहायता कर रहा हूं। कितनी गंभीर समस्या है कि किशोर अवस्था में छात्र छात्राए कक्षा में फेल होने पर, मां बाप के डांटने पर या प्रेम प्रसंग में असफल होने पर आत्म हत्या कर रहे हैं जिसे समाज और परिवार के लोगों के जागरूक होने पर बचाया जा सकता है। बलात्कार जैसी घिनौनी हरकत भी एक मानसिक रोगी करता है, जब कोई व्यक्ति दिन रात कामुकता का साहित्य या फिर अश्लील फिल्म, वीडियो देखता है तो वह छोटी बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत कर सकता है। आजकल बलात्कार के बाद टुकड़े कर या फिर बुरी तरह बहिन बेटियो को मारने वाले मानसिक रोगी पैदा हो रहे हैं। मात्र चालीस साल से देखने को मिलता है कि लोगों में सहनशीलता का भाव कम हुआ है जिससे विभिन्न प्रकार के अपराध बढ़े हैं, तथा परिवारों में खुशहाली भी कम हुई है जबकि आर्थिक संपन्नता होते हुए भी मन में संकीर्णता के कारण लोगों में आनन्द और प्रसन्नता कम हुई है। इसके लिए खुशहाल लोगों को समाज में प्रतिदिन चलना चाहिए और लोगों को मानसिक विकृति से दूर कर वेहतर समाज का निर्माण करना चाहिए,वही निठल्ला कार्य मैं प्रतिदिन कर रहा हूं और बच्चों को टॉफी देकर खुद भी प्रसन्न रहता हूं और बच्चों को खिलखिलाकर हंसते हुए देखता हूं। बड़ो को टॉफी छोटी चीज दिखाई देती है लेकिन इससे जाने कितनो का नशा छुड़ा चुका हूं। इसे कोई समझ नहीं सकता। नशा जैसे गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, शराब के कारण मानसिक रोग हो सकते हैं।आप अगर आज नहीं जागे तो नई पीढ़ी भयंकर मानसिक रोगों से जूझती नजर आएगी,जागो और बच्चो से बात करो स्कूलों में जाकर घरों पर जाकर। आगे कहा कि अशिक्षित क्या शिक्षित क्या सभी मानसिक रोगी पहले भूत प्रेत समझ कर तांत्रिक के चक्कर काटते हैं वह तंत्र मंत्र से डराकर उन्हें लूटता है आपके घर में अगर किसी को मानसिक रोग है तो तत्काल योग्य चिकित्सक को दिखाएं झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें।अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर महेश कुमार गुप्ता, संचालक डॉक्टर अरविन्द कुमार गुप्ता, विशिष्ट अतिथि बदायूं से पधारे अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के मीडिया प्रभारी, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा,डॉक्टर निशा गुप्ता, डॉक्टर शजिया शाहीन, अंकित बार्ष्णेय, पंकज बार्ष्णेय,डॉक्टर नितिन कौशिक ने विचार व्यक्त करते हुए मानसिक रोगों के उपचार के लिए उचित इलाज की सलाह दी। राहुल सिंह, नत्थू सिंह, शिवम यादव, सीता कश्यप, गौतम वार्ष्णेय, अवधेश कुमार, अफजल खान, शोभा, सरोज कुमारी, विकास, प्रवीण कुमार, लोकेश, अनस, यासमीन, शमा, गोविन्द मिश्रा, रवि कुमार, अंकुश शर्मा, श्री मति बाबी, सुशील कुमार शर्मा, अजीत सिंह, श्री मति विनीता कुमारी, विकास कुमार सिंह, श्री मति तनु सिंह, श्री मति राखी, श्री मति रिया, जाकिर हुसैन, रविन्द्र कुमार, श्री मति प्रेम लता, लाला राम, श्री मति शिवानी, आदि मौजूद रहे।