उझानी बदांयू 10 अक्टूबर।
जिले में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी बेहतर हैं, इसका अंदाजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में फैली अव्यवस्थाओं को देखकर लगाया जा सकता है। बात उझानी सीएचसी की करें तो यहां अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। न तो यहां समुचित चिकित्सकों की तैनाती है और न ही अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। कहने को मरीज यहां आते तो जरूर हैं, लेकिन प्रारंभिक उपचार देने के बाद उन्हें रेफर कर दिया जाता है।
नगर की एक लाख से ज्यादा की आबादी के अलावा करीब 20 से ज्यादा गांव के ग्रामीण यहां उपचार के लिए पहुंचते हैं। लेकिन, मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह चिकित्सकों की तैनाती न होना है। यहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकुमार गंगवार के अलावा फिजिशियन डाॅ. हरीश कुमार,सर्वेश कुमार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनिल कुमार गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. आकांक्षा, हिना सफदर , व कीर्ति गुप्ता की मुख्य रूप से तैनाती है। वहीं, यहां पर एक ही लैब टेक्नीशियन व तीन फार्मासिस्ट समेत छह स्टाफ नर्स की तैनाती है। क्षेत्र और आबादी को देखते हुए यह स्टाफ काफी कम है। ऐसे में गंभीर मरीज को यहां से प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है।
अल्ट्रासाउंड कराना हो या एक्स-रे कराना हो। सिटी स्कैन कराना हो या अन्य कोई विशेष जांच कराने की आवश्यकता हो। सभी जांचों के लिए रेफर किया जाता है। सीएचसी पर केवल सामान्य रोग होने पर ही उपचार मिल पाता है।
सीएचसी पर नेत्र रोग चिकित्सक, हड्डी रोग चिकित्सक, नाक, कान और गला रोग चिकित्सक की कमी है। जबकि सफाई कर्मचारी की भी कमी चल रही है। सफाई कर्मचारियों की कमी की वजह से सीएचसी में सफाई व्यवस्था भी खराब हो रही है।
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– सीएचसी में मरीजों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को उचित उपचार दिया जाता है। जिसकी आवश्यकता होती है उसे ही रेफर किया जाता है।– डाॅ राजकुमार गंगवार,अधीक्षक सीएचसी उझानी।———————– राजेश वार्ष्णेय एमके।