3:21 am Friday , 31 January 2025
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🕉️🙏 नमस्ते जी — आचार्य संजीव रूप

🕉️🙏 नमस्ते जी 🙏🕉️– आचार्य संजीव रूप

🚩 आश्विन – शुक्ल – ‘ सप्तमी- २०८१ 🚩

✡️ *1 O * *अक्टूबर 2024 ✡️~~~~~~
दिन —– : गुरुवार
‘तिथि सप्तमी ‘
नक्षत्र — पूर्वा आषाढ़
पक्ष —— शुक्ल
माह– — आश्विन
ऋतु ——– शरद
सूर्य —- दक्षिणायन -उत्तर गोल
विक्रम सम्वत — 2081
दयानन्दाब्द — 200
वङ्गाब्द – 1430
शक सम्बत -. 1946
कलयुगाब्द,: 5126
सृष्टिसम्वत- 1960853125
सूर्योदय-/सूर्यास्त (दिल्ली- 6:20/ 5 57 (लखनऊ : 6:04 / 5:42
सूर्य : कन्या राशि / चन्द्र : धनु
ब्रहा मुहूर्त: 4: 48 से 5: 36
आज की देवी : काल रात्रि

🌷 रूप वाणी
प्रगति कम हो स्वीकार्य है पर व्यक्ति की खुशियों को लील कर की जाने वाली प्रगति स्वीकार नहीं की जा सकती

🍅 पहला सुख निरोगी काया
तुलसी के पत्ते 25 ग्राम पीसकर 6 से 10 ग्राम मीठे दही में मिलाकर अथवा 6 से 10 ग्राम शहद में मिलाकर प्रातः निराहार व दिन में दो-तीन बार एक सप्ताह तक ले लेवे अनेक रोग पास नहीं आएंगे

🌷 संजीव रूप
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
-यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072

हिन्दी संकल्प पाठ 🏵

हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा . मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब छियाननवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ पच्चीसवां है,कलियुगाब्द 5126, विक्रम सम्वत् दो हजार इक्यासी है,दयानन्दाब्द 2OO वां है, सूर्य दक्षिण अयन में वर्तमान है ,कि ऋतु शरद, *मास आश्विन * शुक्ल पक्ष- तिथि- सप्तमी, नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी है, आज बुधवार है, 10 अक्टूबर 2024 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,

🕉️ संस्कृत संकल्प पाठ:🕉

ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि पञ्च विंन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि षड्विशत्युत्तरशततमे कलियुगे, एकाशीति द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( द्वि शततमे ) 200 , रवि दक्षिणायने, उत्तर गोले, शरद ऋतौ, आश्विन मासे, शुक्ल पक्षे, सप्तमी तिथि,पूर्वा आषाढ़ नक्षत्रम्, गुरुवार तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2024 अक्टूबर मासः, 10
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏