उझानी बदांयू 7 अक्टूबर।
बदायूं जिले में किसानों को डीएपी की किल्लत से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। समितियों पर डीएपी नहीं होने के कारण किसानों को 150 से लेकर 200 रुपया तक ब्लैक में डीएपी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। पूरे जिले की समितियों पर रविवार को भी किसान डीएपी लेने को पहुंचे। लेकिन, उन्हें बैरंग लौटने को मजबूर होना पड़ा।
किसानों ने आलू के साथ-साथ सरसों की फसल की बुआई प्रारंभ कर दी। इन फसलों की बुआई के लिए किसानों को डीएपी की सख्त जरूरत है। किसान बुबाई करने से पूर्व डीएपी का इंतजाम करने में जुटा है। वह साधन सहकारी समितियों पर आई डीएपी कुछ किसानों को मिल गई, जबकि कुछ को कई चक्कर लगाने के बाद भी नहीं मिली।
किसान प्राइवेट दुकानों से डीएपी महंगी दर पर खरीदने को मजबूर है।
यह हाल बदायूं,उझानी एवं बिल्सी, सहसवान, बजीरगंज क्षेत्र का ही नहीं बल्कि पूरे जनपद का है। किसान डीएपी की किल्लत से जूझ रहे है।
50 बीघा आलू की फसल की बुबाई करनी है। लेकिन, डीएपी नहीं मिल रही है। प्राइवेट दुकानों पर लेने जाओ तो एक बोरी दो हजार 2200 तक की पड़ रही है। डीएपी के साथ अन्य सामान दे रहे हैं। नहीं लें तो फिर 200 रुपया ब्लैक में मिल रही है।
किसान -देवेन्द्र सिंह, उझानी।——————-
आलू एवं गेहूं की फसल की बुबाई के दौरान डीएपी की किल्लत रहती है। कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के द्वारा इसका इंतजाम नहीं किया जाता है। आखिर हम लोग ब्लैक में खरीदने को मजबूर है। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
किसान सत्यवीर सिंह – बमनौसी।——————-
साधन सहकारी समितियों पर डीएपी नहीं मिल पा रही है। प्राइवेट खाद विक्रेताओं के यहां 1350 रुपया कीमत वाली डीएपी 1450 से लेकर 1500 तक में मिल रही है। 200 रुपया की नैनो की बोतल लेने को मजबूर किया जाता है। – आलोक कुमार सिंह, सहसवान।——————
आलू की फसल की बुबाई के लिए डीएपी की जरूरत है। समितियों पर डीएपी नहीं होने के कारण दो सौ से लेकर 250 रुपया तक ब्लैक में खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। डीएपी की दर ठीक कराए जाने की मांग की है। -महावीर सिंह, नरऊ उझानी।——————–राजेश वार्ष्णेय एमके