हैवतपुर गौरी मंदिर पर भक्तों ने किया माता रानी का श्रृंगार
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव हैवतपुर में स्थित माँ गौरी के मंदिर पर आज नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने माता रानी का सोलह श्रृंगार किया। मंदिर में भक्तों ने आस्था के प्रतीक ज्योत जलाकर अपनी श्रद्धाभक्ति प्रकट की है। यहां माता रानी को विशेष रूप से सजाया गया। मंदिर में विराजमान मां गौरी की मनमोहक प्रतिमाओं में भक्तों ने श्रृंगार सामान चढ़ाते हुए अपनी आस्था को प्रकट किया। मां गौरी की छवि पर 16 श्रृंगार चढ़ाया। इससे जुड़ी ऐसी मान्यता है कि इससे घर में सुख और समृद्धि आती है। अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिलता है। मंदिर के महंत जितेन्द्र सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार को जीवन का अहम और अभिन्न अंग माना गया है। माँ भक्त देव ठाकुर व नितेश सिंह ने माँ गौरी का स्मरण करते हुए बताया कि माता रानी को सोलह श्रृंगार का चढ़ावा चढ़ाने के अलावा महिलाओं को भी इस दौरान सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए। ऋग्वेद में भी सौभाग्य के लिए सोलह श्रृंगारों का महत्व बताया गया है। सोलह श्रृंगार में मौजूद हर एक श्रृंगार का अलग अर्थ है। बिन्दी को भगवान शंकर के तीसरे नेत्र से जोड़कर देखा जाता है। वहीं सिंदूर सौभाग्य और सुहाग की निशानी होती है। महावर और मेहंदी को प्रेम से जोड़कर देखा जाता है। काजल बुरी नजर से बचाता है। माता रानी का सोलह श्रृंगार करने से घर और जीवन में सौभाग्य आता है। जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। और जीवनसाथी का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। इस मौके पर माता रानी के कई भक्त मौजूद रहें।