आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, नवरात्र की शुरुआत कल से
उझानी बदांयू 2 अक्टूबर। पितृ पक्ष आज से खत्म हो रहा है। आज पितरों को विदाई दी जाएगी। साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण भी आज ही है। कल से नवरात्र की शुरूआत हो रही है।
पुरखे( पूर्वज ) आज से विदा हो जाएंगे। बुधवार को पितृ अमावस्या है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तीन अक्तूबर को है और इसी दिन से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस दिन हस्त्र नक्षत्र दोपहर में 3:17 मिनट तक है। इंद्र योग और भद्र नामक पंचमहापुरुष योग भी है। इस दिन अभिजित मुहूर्त में सुबह 11:36 बजे से 12:24 बजे के बीच घट स्थापना के लिए सर्वोत्तम काल है।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, काशी के पंचांग के मुताबिक, इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि और नवमी तिथि का क्षय हो रहा है। चतुर्थी तिथि दो दिन 6 और सात अक्तूबर को है। महाअष्टमी और महानवमी का व्रत 11 अक्तूबर को होगा।
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज हे पर यहां मान्य नहीं
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण बुधवार यानी दो अक्तूबर को है, पर भारत में सूतक काल मान्य नहीं है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इसी दिन पितृ अमावस्या भी है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, अमावस्या तिथि एक अक्तूबर को रात 9:39 बजे से प्रारंभ हो गई है। दो अक्तूबर को रात 12:59 बजे तक रहेगी। इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध किया जाता है। आचार्यों के मुताबिक, जिन पितरों की पुण्यतिथि परिजनों को ज्ञात न हो, या जिनका श्राद्ध किसी कारणवश न हो पाया हो, उनके लिए श्राद्ध-दान और तर्पण इस दिन कर सकते हैं। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है। आज सुबह से मोक्षदायिनी के तट पर अपने पितरों व पूर्वजों का विसर्जन करने को कछला गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई। अपने-अपने पूर्वजों को याद कर सभी ने जल अर्पण कर स्वर्ग में जाने की प्रार्थना की। कुछ लोग शाम को भी गंगा में दिया जलाने जाऐगे। कहावत है कि दीऐ की रोशनी में पूर्वज स्वर्ग में विश्राम को चले जाते हैं। ————————- राजेश वार्ष्णेय एमके