शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्म दिवस 28 सितंबर के अवसर पर जनहित सत्याग्रह मोर्चा द्वारा भगत सिंह के विचारों पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन मालवीय आवास गृह पर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता मोर्चा के संरक्षक रामचंद्र सिंह ने की। तथा संचालन महामंत्री चरन सिंह यादव ने किया।
मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह ने शहीद भगत सिंह के जीवन और उनके संघर्षों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया भगत सिंह एक ऐसा भारत बनाना चाहते थे जिसमे किसी भी तरह का शोषण उत्पीड़न ना हो। वे एक समाजवादी राष्ट्र के पक्षधर थे।
वरिष्ठ साथी ओमकार सिंह ने कहा कि भगत सिंह ने इतनी कम उम्र में ही वो सारे गुण हासिल कर लिए जो किसी क्रांतिकारी में होने चाहिए। भगत सिंह एक महान दार्शनिक, राजनीतिज्ञ और एक कुशल संगठनकर्ता थे। उन्होंने दुनियां की तमाम राजनीतिक व्यवस्थाओं का अध्ययन किया। इसके बाद अपने देश की तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरूप संघर्ष का रास्ता बताया। तथा देश की तमाम समस्याओं का राजनीतिक विश्लेषण करके तमाम लेख ब पुस्तकें लिखी।
पूर्व प्रवक्ता रामप्रकाश ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने कहा कि देश के मजदूरों, किसानों , छात्रों , नौजवानों जो इस देश की चालक शक्ति हैं उन्हे जाति , धर्म, रंग, नस्ल, लिंग , क्षेत्र सभी तरह के भेदभाव मिटाकर एकजुट होकर पूंजीवाद साम्राज्यवाद के खिलाफ तथा देशी शोषकों के खिलाफ संघर्ष खड़ा करने को जरूरत है। देश की आम मेहनतकश जनता को वास्तविक मुक्ति तभी मिलेगी जब देश की आम जनता का सत्ता पर शासन होगा।
अध्यक्षीय भाषण में रामचंद्र सिंह ने कहा देश के नौजवानों को संघर्ष की बागडोर अपने हाथ में लेनी होगी। देश के लोगो को पूंजीवाद,, जातिवाद, सांप्रदायिकता, महिला हिंसा , के खिलाफ संघर्ष करना होगा। इसके अलावा लोकतांत्रिक जनवादी व संवैधानिक अधिकारों को बचाने की लड़ाई को आगे ले जाना होगा। भगत सिंह ने कहा था कि जब तक दुनियां में शोषण उत्पीड़न मौजूद है तब तक ये संघर्ष जारी रहेगा। इसलिए हम लोगों को भी शोषण उत्पीड़न के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार तैयार रहने की जरूरत है।
कार्यक्रम में हर्षवर्धन, योगेश यादव, राजकुमार, सतीश, कृष्ण गोपाल, सुनील, राजेश जौहरी शर्मिला रानी, ओम कुमारी, आदि लोगों ने विचार व्यक्त किए।