6:14 am Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

सेवक सबसे कठोर धर्म- श्री रामचन्दाचार्य जी महाराज

बिल्सी। नगर के ज्वाला प्रसाद जैन स्कूल में सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम महंत मटरुमल शर्मा महाराज के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री रामचन्दाचार्य जी महाराज ने सेवक धर्म का वर्णन करते हुए बताया सेवक सबसे कठोर धर्म है स्वामी के मन में क्या चल रहा है सेवक को मालूम हो जाए वह सेवक होता है श्री स्वामी जी महाराज ने बताया सेवक अपने स्वामी के प्रसन्नता के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर कर देता है इसी के अंतर्गत स्वामी जी ने जय और विजय किस प्रकार श्रापित होकर राक्षस बने इस कथा का वर्णन किया जो जय विजय भगवान के ही द्वारपाल थे भगवान की प्रसन्नता के लिए उन्होंने अपने आप को श्रापित करवाया और राक्षस हो गए।
मुख्य यजमान हनुमान जी महाराज हनुमान जी महाराज का डोला दरबार से प्रतिदिन कथा श्रवण करने कथा स्थल आते हैं और कथा श्रवण करने के बाद बापिस दरबार जाते हैं आज दरबार से हनुमान जी का डोला संजीव शर्मा लेकर कथा स्थल पहुंचे।
इस मौके पर बालाजी धाम के प्रधान महंत मटरूमल शर्मा महाराज जी, शांति देवी शर्मा, प्रदीप शर्मा, संजीव शर्मा, यश भारद्वाज, आचार्य हरी ओम शर्मा राजीव शर्मा, नरेंद्र गरल, दीपक माहेश्वरी, चारु सोमानी,डा.राजाबाबू वार्ष्णेय, विशाल भारत, नरेंद्र गरल स्वतंत्र राठी, सरिता माहेश्वरी , सारिका राठी,सुनील माहेश्वरी, बनवारी लाल शर्मा,मुकेश गुप्ता, पुष्कीन माहेश्वरी, सरिता माहेश्वरी, रंजन माहेश्वरी, जितेंद्र कुमार, राजेश कुमार, प्रवीण वार्ष्णेय, आशीष वशिष्ठ आदि का विशेष सहयोग रहा।