4:45 am Friday , 31 January 2025
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पाकिस्तान भारत युद्ध में शहीद हुए शहीद गिरीश चंद्र जी का बलिदान दिवस कागजी मौहल्ला स्थित शहीद गिरीश चंद्र बाल उद्यान पार्क में उनके स्मारक ( प्रतिमा) पर धूमधाम से मनाया गया।


महापुरुष स्मारक समिति एवम सर्व समाज जागरूकता अभियान भारत के संयुक्त तत्वावधान में पाकिस्तान भारत युद्ध (१९६५) में शहीद हुए शहीद गिरीश चंद्र जी का बलिदान दिवस कागजी मौहल्ला स्थित शहीद गिरीश चंद्र बाल उद्यान पार्क में उनके स्मारक ( प्रतिमा) पर धूमधाम से मनाया गया।सर्व प्रथम मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने प्रतिमा (मूर्ति)के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।अध्यक्षता देवेन्द्र प्रसाद शर्मा (पूर्व प्रवक्ता) ने की, संचालन मनोज सिंघल ने किया। विशिष्ट अतिथि इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा (सामाजिक कार्यकर्त्ता एवम जिला सह संयोजक सर्व समाज जागरूकता अभियानबदायूं, जिला उपाध्यक्ष अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा बदायूं)एन के शर्मा (पूर्व प्रशासनिक अधिकारी),डॉक्टर जितेन्द्र वर्मा, पूर्व प्रधान वेदराम मौर्य, हेमन्त कुमार गुप्ता, पंकज कुमार दिवाकर, श्री मति संगीता गौतम (प्रधानाध्यापक, शहीद गिरीश चंद्र जूनियर हाईस्कूल), श्री मति पूजा आनन्द (शिक्षिका), श्री मति नीलिमा गुप्ता (शिक्षिका) रहीं। व्यवथापक नगर अध्यक्ष पण्डित सच्चिदानन्द शर्मा रहे। कार्यक्रम आयोजक पण्डित सुरेश चंद्र शर्मा रहे।मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जांबाज सैनिको की देशभक्ति के कारण ही देश के एक सौ चालीस करोड़ लोग सुरक्षित हैं। यह देश के वह जांबाज हैं जो भारत पर टेढ़ी नजर डालने वालों की आंख फोड़ने के साथ उसे धरती से हमेशा को उठा देते हैं। तीनों सेना के जवान अपने शौर्य से दुश्मन को परास्त कर हमेशा भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर देते हैं चाहें देश की सुरक्षा में उनका वलिदान ही क्यों न हो जाए। ऐसे ही थे चंदौसी के शहीद गिरीश चंद्र जी ,जिन्होंने १९६५भारत पाकिस्तान युद्ध में अपना बलिदान देकर हम सब का गौरव बढ़ाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आगे कहा कि शहीद गिरीश चंद्र जी का जन्म १६जनवरी १९४० को चंदौसी में हुआ था। आपके पिता श्री सतीश चंद्र अग्रवाल चंदौसी नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी थे ,आपकी माता श्री मति कौशल्या देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। आपके पूर्वज गवां जनपद संभल के रहने वाले थे। शहीद गिरीश चंद्र जी ने प्राथमिक शिक्षा चंदौसी के स्कूलों में प्राप्त कर एस एम डिग्री कॉलेज से स्नातक किया। वह हॉकी के अच्छे खिलाड़ी थे। सबसे पहले स्टेट बैंक चंदौसी में सर्विस की, उनके मन में देश सेवा का जज्बा था इसलिए १९६२मे सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट बने। इसके बाद पिता जी के पास उनकी शादी के रिश्ते आने लगे। पत्र द्वारा पिता जी ने कहा वेटा गिरीश तुम्हारी शादी के रिश्ते आ रहे हैं, तब उन्होंने पिता जी को पत्र द्वारा उत्तर देते हुए लिखा कि अभी कुछ साल देश की सेवा करने के बाद शादी करूंगा। १९६५मे भारत पाकिस्तान युद्ध शुरू हो गया। वह देश के लिए दुश्मन से युद्ध लड़ना चाहते थे उन्होंने जानबूझ कर उच्च अधिकारियों से युद्ध में भागीदारी के लिए कहा। उन्हे स्यालकोट में तैनात किया गया जहां उन्होंने पाकिस्तानी सेना से जमकर मोर्चा लिया। कई पाकिस्तानी सैनिकों को मारा और घायल किया। एक दिन युद्ध के दौरान वह अपनी टुकड़ी के नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ रहे थे तब पाकिस्तानी सैनिकों ने पेड़ पर चढ़ छिपकर शहीद गिरीश चंद्र जी की बटालियन पर हमला कर दिया जिसमें जांबाज शहीद गिरीश चंद्र जी का २०सितम्बर १९६५को वलिदान हो गया। मैं प्रशासन और शासन को याद दिलाना चाहता हूं कि शहीद गिरीश चंद्र जी की याद में जनपद में पहले हॉकी टूनामैंट होता था उसे प्रारंभ किया जाए। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक इंडिया गेट दिल्ली में है जिसमें हमारे शहर चंदौसी के शहीद गिरीश चंद्र जी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है जिसे मैं स्वयं देख कर आया हूं। शत शत नमन।अध्यक्षता करते हुए देवेन्द्र प्रसाद शर्मा , संचालक मनोज सिंघल विशिष्ट अतिथि इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा (जिला उपाध्यक्ष),एन के शर्मा, डॉक्टर जितेन्द्र वर्मा, वेदराम मौर्य, हेमन्त कुमार गुप्ता, पंकज कुमार दिवाकर, श्री मति संगीता गौतम, श्री मति पूजा आनन्द, श्री मति नीलिमा गुप्ता,व्यवस्थापक पण्डित सच्चिदानन्द शर्मा ने विचार व्यक्त किए। शिवांश, नूरेन , असद, शंकर, कु गौरी, ऋषि, कु गुनगुन, कु खुशी, कु अनुष्का, अहम, रोहित छात्र छात्राओं ने प्रस्तुति दी।