बुराई को कोई भी व्यक्ति साथ देना नहीं चाहता हैःरामायणी
बिल्सी। नगर के कछला रोड स्थित श्री माहेश्वरी भवन में श्रीराम-कृष्ण समिति के तत्वावधान में चल रही भगवान राम की कथा के नौवें दिन कथावाचक अयोध्यादास रामायणी महाराज ने भगवान राम और रावण के युद्ध का वर्णन करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति बुराई का ज्यादा दिनों तक साथ नहीं दे पाता है। एक न एक दिन लोग को बुरे लोगों का साथ छोड़ जाते हैं। इसलिए रावण के भाई विभीषण ने भी बुराई का साथ छोड़ते हुए भगवान राम के चरणों में शरण ली थी। स्वामी जी ने जीवन में नैतिक मूल्यों की स्थापना पर बल देते हुए कहा कि कि सत्य बोलना और क्षमा करना, बड़ों की सेवा करना कभी खाली नहीं जाता है। इसका फल जीवन में अवश्य ही मानव को मिलता है। इसलिए मानव को इनका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। युध्द के दौरान रावण पर विजय पाना श्रीराम के लिए काफी मुश्किल हो रहा था। तब विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत है। उसके रहते हुए उसे भी नहीं मार सकता है। जिसके बाद राम ने रावण की नाभि पर वार कर उसे नष्ट किया। जिसके बाद रावण का वध हो गया। अंत में राम नाम का महत्व का भी विस्तार से समझाया। इससे पहले कथावाचक अयोध्यादास रामायणी ने नगर पालिका परिषद बाजार में खुले दीपक गुप्ता के नए प्रतिष्ठान पर पहुंचे। जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। कथा में चंद्रपाल तोष्नीवाल, नरेंद्र गरल, आशीष वाशिष्ठ, सत्यपाल वार्ष्णेय, दुर्गेश वार्ष्णेय, मनोज वार्ष्णेय, लोकेश वार्ष्णेय, सुधीर माहेश्वरी, नीरज माहेश्वरी, दिनेश बाबू वाष्र्णेय, शिवओम माहेश्वरी आदि मौजूद रहे