🕉️🙏 नमस्ते जी 🙏🕉️– आचार्य संजीव रूप
🚩 * भाद्रपद – शुक्ल – ‘ चतुर्दशी – २०८१ 🚩
🌸 *1 7 सितम्बर 2024 🌸~~~~~~
दिन —– मंगलवार
‘तिथि चतुर्दशी
नक्षत्र — पूर्वाभाद्र पद
पक्ष —— शुक्ल
माह– — भाद्रपद
ऋतु ——– शरद
सूर्य —- दक्षिणायन -उत्तर गोल
विक्रम सम्वत — 2081
दयानन्दाब्द — 200
वङ्गाब्द – 1430
शक सम्बत -. 1946
कलयुगाब्द,: 5126
सृष्टिसम्वत- 1960853124
सूर्योदय-/सूर्यास्त (दिल्ली- 6:08/ 6ः 24(लखनऊ : 5: 53 / 6: O9
सूर्य : सिंह राशि / चन्द्र : कुम्भ
ब्रहा मुहूर्त: 4: 41 से 5: 28
💥 विश्वकर्मा जयंती
🌷 रूप वाणी
अपना हाथ जगन्नाथ..जिस दिन देश का हर व्यक्ति नौकरी के बजाय कौशल विकास कर स्वरोजगार से जुड़ना श्रेष्ठ समझेगा उस दिन देश से बेरोजगारी भी खत्म होगी और देश का स्वाभिमान भी बढ़ेगा !
🍅 पहला सुख निरोगी काया
एक टमाटर जो दिल की तरह लाल है और लाईकोपीन से भरपूर है ,जो कि शरीर में हृदय और रक्त के लिए संपूर्ण सर्वोत्तम आहार है
🌷 संजीव रूप
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
-यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072
हिन्दी संकल्प पाठ 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब छियाननवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ पच्चीसवां है,कलियुगाब्द 5126, विक्रम सम्वत् दो हजार इक्यासी है,दयानन्दाब्द 2OO वां है, सूर्य दक्षिण अयन में वर्तमान है ,कि ऋतु शरद, *मास भाद्रपद * शुक्ल पक्ष- तिथि- चतुर्दशी, नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद है, आज मंगलवार है, 17 सितम्बर 2024 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ संस्कृत संकल्प पाठ:🕉
ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि पञ्च विंन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि षड्विशत्युत्तरशततमे कलियुगे, एकाशीति द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( द्वि शततमे ) 200 , रवि दक्षिणायने, उत्तर गोले, शरद ऋतौ, भाद्रपद मासे, शुक्ल पक्षे, चतुर्दशी तिथि, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्रम्, मंगलवार तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2024 सितम्बर मासः, 17
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏