उझानी बदांयू 11 सितंबर।
प्रदेश भर में बदांयू सडक़ हादसों के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है । जिले में हर दूसरे दिन किसी न किसी की सडक़ दुर्घटना में जान जाती है। वाहनों की बढ़ती रफ्तार जिंदगी पर भारी पड़ रही है।
सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश को लेकर केंद्र से लेकर प्रदेश स्तर पर तमाम जतन किए जा रहे हैं। मगर हर दिन ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहनों के चलते हादसों में लोग जान गवां रहे हैं। हर दिन होने वाले हादसे भी सड़क पर तेज रफ्तार वाहन दौड़ाने वालों के लिए सबक नहीं बन पा रहे हैं। अपने जिले के दुर्घटना ग्राफ पर अगर गौर करें तो आंकड़ा कुछ इसी तरह की गवाही देता है।
सबसे खास बात है कि हादसों की रोकथाम के लिए यातायात सप्ताह,पखवाड़ा एवं माह के रूप में मनाने के बाद सडक़ हादसों में कमी नहीं आ रही है। इसके लिए जहां जितने वाहन संचालक जिम्मेदार हैं उतने ही यातायात नियमों का पालन कराने वाले भी हैं। अगर कड़ाई से यातायात नियमों का पालन कराया जाए तो संभावना है कि होने वाले सडक़ हादसों पर अंकुश लग सकेगा ।
हादसों से चिंतित सरकार ने वाहन चालकों को जागरूक करने का अभियान भी छेड़ रखा है, इसके बाद भी वाहनों की रफ्तार से कोई समझौता न करना लगातार हादसों का कारण बन रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2022-23 में सडक़ दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतें अधिक रफ्तार से वाहन चलाने पर हुई हैं। यही हाल इस साल भी है। इस साल अब तक सात महीने में ही 150 से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाओं में लगभग 150 लोग जान गवां चुके हैं और 300 लोग घायल होकर जीवन भर का दंश झेलने को मजबूर हो गए हैं। सबसे चिंताजनक बात है कि इनमें से ऐसे 55 दोपहिया सवार शामिल थे जो अकाल मौत के मुंह में समा गए और वे बिना हेलमेट ही वाहन का संचालन कर रहे थे। राजेश वार्ष्णेय एमके