6:39 am Friday , 31 January 2025
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पृथ्वी पर जब-जब असुरों का अत्याचार बढ़ा, तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया-अयोध्यादास रामायणी

पृथ्वी पर असुरों का अत्याचार बढ़ाने अवतार लेते प्रभु

बिल्सी। नगर के कछला रोड स्थित श्री माहेश्वरी धर्मशाला में आज मंगलवार से श्रीराम-कृष्ण समिति के तत्वावधान में शुरु हुई रामकथा के पहले दिन हरिद्वार से पधारे परम् संत अयोध्यादास रामायणी ने श्रोताओं को भगवान राम के जन्म की कथा का रसपान कराया। उक्त प्रसंग सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। कथावाचक ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब असुरों का अत्याचार बढ़ा, तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है, तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की और लोगों का कल्याण किया। कथा में उन्होंने राम जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। प्रभु राम का जन्म होने पर चारों ओर खुशी का माहौल हो गया। इससे पहले संगीतमय भजन-कीर्तन के बीच आरती का कार्यक्रम हुआ। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पूजा-अर्चना की। इस मौके पर नरेन्द्र गरल, चन्द्रपाल तोष्णीवाल, सत्यपाल वार्ष्णेय, मनोज वार्ष्णेय, लोकेश बाबू वार्ष्णेय, नीरज माहेश्वरी, संजीव वार्ष्णेय, दुर्गेश बाबू वार्ष्णेय, आशीष वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।