कानपुर में रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई। गनीमत रही वक्त रहते ड्राइवर ने ब्रेक मारकर ट्रेन रोकी और हादसे को टाल दिया। मौके से पेट्रोल भरी कांच की बोतल, माचिस, बारूद आदि सामान मिला है। फिलहाल, जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है।
फिलहाल, यूपी एटीएस व अन्य एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। हालांकि, ये कोई पहला मामला नहीं है जब कानपुर या उसके आसपास ऐसी घटना हुई हो। बीते कुछ महीने में ही ऐसी दो-तीन घटना हो चुकी है।
इससे पहले बीते 16-17 अगस्त की रात कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस (19168) के 22 डिब्बे इंजन समेत पटरी से नीचे उतर गए थे। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। हादसे का शिकार हुई ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि बोल्डर के इंजन से टकराने के कारण हादसा हुआ। फिलहाल, इस हादसे की भी जांच चल रही है।
(16-17 अगस्त) पटना से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस को 2:30 बजे गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पलटाने की कोशिश की गई, जिसमें इंजन के आगे 3 फीट लंबा रेल पटरी का टुकड़ा रख दिया गया था।
वहीं, बोते 24-25 अगस्त की रात को फर्रुखाबाद में लोको पायलट की सतर्कता के कारण एक बड़ा रेल हादसा टल गया था. यहां कुछ अराजक तत्वों ने कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस ट्रेन (संख्या 05389) को डिरेल करने की कोशिश की थी ।दरअसल, उन्होंने रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का भारी बोटा (टुकड़ा) रख दिया था। इंजन में यह बोटा फंस गया जिसके चलते ट्रेन करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ी रही। घटना की सूचना मिलते ही रेलकर्मी मौके पर पहुंचे और बोटे को हटाया।
हालांकि, हफ्ते भर बाद ही फर्रुखाबाद के भटासा स्टेशन के पास पटरी पर लकड़ी का बोटा (टुकड़ा) रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश में पुलिस ने दो युवकों (कमलेश और मोहन) को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया। दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि वे ट्रेन पलटाकर मशहूर होना चाहते थे। घटना के बाद डर की वजह से दोनों दिल्ली जाने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उनको दबोच लिया।
इसी तरह 23 अगस्त, 2024 को एक हादसा शामली जिले में भी टल गया था। दरअसल, यहां दिल्ली सहारनपुर रेलवे लाइन पर शामली बाईपास के पास 50 मीटर की दूरी पर चार जगहों पर तकरीबन 25 से 30 पेंड्रोल क्लिप निकले पड़े थे। इसकी सूचना वहां पर घूमने आए एक छात्र ने रेलवे को दी। जिसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए पेंड्रोल क्लिप लगाकर रेलवे ट्रैक को ठीक किया गया।
जाहिर तौर पर अगर इतनी बड़ी संख्या में पेंड्रोल क्लिप पटरी से अलग होते और उस वक्त ट्रेन आ जाती तो हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि समय रहते पटरी को दुरुस्त कर लिया गया।
अब कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश
कानपुर पुलिस और आरपीएफ के मुताबिक, बीते 8 सितंबर की रात करीब 8.30 बजे अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे भरे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई। लोको पायलट ने बताया कि उसे ट्रैक पर कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी जिसके बाद उसने ब्रेक मारी, लेकिन उसके बाद भी वह चीज ट्रेन से टकरा गई जिससे काफी तेज आवाज हुई। ड्राइवर ने ट्रेन रोक गार्ड और बाकी लोगों को इसकी सूचना दी।
घटना की जानकारी मिलते ही अनवरगंज स्टेशन के रेलवे अधीक्षक, आरपीएफ और रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जांच की गई तो झाड़ियों में पुलिस को एक सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद जैसे कई घातक चीजें मिली। फॉरेंसिक टीमों ने भी जांच पड़ताल की और सभी संदिग्ध वस्तुओं को जांच के लिए भेज दिया।
वहीं, इस घटना की जांच के लिए आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस ) और अन्य एजेंसियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी । एटीएस की कानपुर और लखनऊ यूनिट ने मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए हैं। मामले में एडिशनल कमिश्नर हरीश चन्द्र ने बताया कि जिसने भी ये किया है उसे पकड़ने का काम किया जाएगा। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
कहीं ऐसा तो नहीं कि जमात या बाहर से आए लोगों ने सिलेंडर को पटरियों पर रखा था, इस एंगल से भी पुलिस जांच कर रही है। क्योंकि, बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार है, यहां देश-विदेश से बड़े पैमाने पर जमातियों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में पुलिस ने जांच के दायरे में जमातियों को भी लिया है,वहीं, जिस मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल और बारूद बरामद किया गया है और जहां से माचिस मिली है, उसकी भी जांच की जा रही है। एलआईयू ने भी एक टीम लगाई है।
फिलहाल, मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की ओर से पांच टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने दो हिस्ट्रीशीटरों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।