बिल्सी, यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया । इस अवसर पर सर्वप्रथम यज्ञ उसके पश्चात सत्संग किया गया । कुमारी तृप्ति शास्त्री ने वेद मंत्रों से आहुतियां दिलाईं । यज्ञ ब्रह्मा आचार्य संजीव रूप ने कहा ” परमेश्वर की दया तो सब पर होती है पर कृपा किसी किसी पर ही होती है । दया और कृपा में अंतर है ! दया अच्छे और बुरे सभी पर होती है पर कृपा केवल अच्छाई के मार्ग पर चलने वालों पर ही होती है ! रोटी कपड़ा और जीवन के लिए जो मूलभूत आवश्यकताएं हैं उन्हें अच्छे और बुरे पापी और धर्मात्मा सबको परमात्मा देता है यह उसकी दया है, किंतु जो विशेष सद्गुणों विद्या,तप , दान ज्ञान,शील,सत्य सेवा परोपकार आदि को धारण कर यशस्वी व कीर्तिमान होते हैं ये ही परमात्मा कृपा होती है ! अतः प्रत्येक मनुष्य को परमात्मा की दया का नहीं कृपा का पात्र बनने का प्रयत्न करना चाहिए । और यह तभी संभव है जब मनुष्य सत्संग व स्वाध्याय करता रहे । कुमारी तृप्ति आर्य कुमारी मोना आर्य कुमारी इशा आर्य में भजन लगाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया । इस अवसर पर विचित्रपाल सिंह ,सत्यम आर्य,श्रीमती मुन्नी देवी,श्रीमती मिथिलेश कुमारी , श्रीमती सुराजवती देवी ,श्रीमती सरोजा देवी ‘मास्टर साहब सिंह आदि मौजूद रहे ।