जय गणपति, जय गजबदन मेरे विनत प्रणाम।
यही विनय प्रभु पैठिय मेरे अन्तर धाम।।
जय गणेश, श्रद्धा सहित हूँ आपके समीप।
प्रेम सहित स्वीकारिये पांच भाव के दीप।।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
#गणेश_चतुर्थी के पावन पर्व पर आप सभी के लिए शुभकामनाएं