शिक्षक दिवस पर समर्पित
समृद्ध,बिषय बिशेषग्य, शिक्षक
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किसी ने शिक्षक से पूछा कि
क्या करते हो आप ?
शिक्षक ने क्या सुंदर जबाब दिया…..
सुंदर सा सुर सजाने को साज बनाता हूँ।
नौ सिखिया परिंदो खो ही बाज बनाता हूँ।।
चुप चाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी जमाने में ।
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ।।
समुन्दर तो परखता है हों भले की किश्तियां जरूर।
और मै डूबती किश्तियों के ही जहाज बनाता हूँ।।
बनाये चाहे चांद पर कोई बुर्ज ए खलीफ़ा।
अरे मै तो कच्ची ईटों से ही ताज बनाता हूँ।।
देकर शिक्षा का ज्ञान का उत्तम मंत्र।
इंसानियत का इंसान ही बनाता हूँ।
आज मोल शिक्षा अनमोल
घडी प्रारम्भ घडी अंत तक
अ से अनार और ज्ञ से ज्ञानी तक
आज मोल शिक्षा अनमोल
अशिक्षा से परीक्षा तक
सम्मान से व्यबहार तक
छोटे बच्चे से बड़े इंसान तक
सांस्कृतिक से परिवेश तक
संस्कृति से संस्कार तक
शव्द से वाक्य तक
यश से बैराग्य तक
ॐ से गणेश तक
शेष,अशेष तक
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सस्नेह
आभार सहित
लेख ✍️ और अभिलख
इं प्रमोद कुमार शर्मा
बरिष्ठ कर्मचारी नेता
सामाजिक कार्यकर्ता
जनपद बदायूँ ।