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मौसम विभाग की मानें तो इस बार जाड़े का मौसम लंबा होगा और कड़ाके की ठंड भी पड़ेगी। व कोहरा भी पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा होगा। समुद्री हवाएं सामान्य से ज्यादा ठंडी हो जाएंगी।
इस बार जाड़े का मौसम लंबा होगा। साथ ही ठंड भी कड़ाके की पड़ेगी। भारतीय मौसम बैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि इस बार अक्तूबर तक बारिश का मौसम लगातार रहने से ला नीना समय से पहले यानि इसी महीने से सक्रिय हो जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार ला नीना के सक्रिय होने से समुद्र का पानी ठंडा हो जाता है, जिससे उठने वाली हवाएं वातावरण में नमी पैदा करती हैं। ऐसे में ठंडक लगने लगती है।
पूर्वानुमान है कि जिस तरह से इस बार चिलचिलाती गर्मीव बारिश ने सभी को परेशान किया, उसी तरह ठंडक भी दिक्कत कर सकती है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार आमतौर पर 15 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार मानसून फिर से दुबारा सक्रिय हो गया है। ऐसे में बारिश का सिलसिला भी लंबा चलने का अनुमान है। इसकी वजह से ठंडक भी ज्यादा पड़ेगी। इस बीच बुधवार शाम तेज बारिश की वजह से मौसम में बदलाव आया। इस बीच बंगाल की खाड़ी पर एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से चक्रवाती तूफान बनने की आशंका है, जो मौसम के उतार-चढ़ाव पर असर डालेगा।
ला नीना के कारण महासागर में पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा हो जाता है। इससे उठने वाली हवाएं भी ठंडक लेकर उठती हैं, जो अपने वातावरण पर असर डालती हैं।