अब कनेक्शन लेना हो या बिल में गड़बड़ी सुधरवानी हो, या बिजली से संबंधित अन्य कोई काम हो। इसके लिए उपभोक्ताओं को कार्यालयों और अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके साथ ही दलालों के चक्कर में भी नहीं पड़ना पड़ेगा। उन्हें एक ही जगह सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत सिर्फ 1912 पर फोन करना पड़ेगा। यहां पर आपकी शिकायत नोट की जाएगी। एक यूनिक आईडी नंबर भी दिया जा सकता है। उसी से सारे काम होंगे।
इसके साथ ही लिखित आवेदन के लिए 12 जगहों पर हेल्प डेस्क भी बनाईं जाएंगी। यहां पर आवेदन को लेकर फीस, कार्य की अवधि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी। यह व्यवस्था अक्तूबर तक चालू हो सकती है। कानपुर के साथ ही बरेली, अलीगढ़, मेरठ आदि शहरों के बिजली डिस्कॉम में इसी तरह की व्यवस्था रह सकती है। मौजूदा समय में नए कनेक्शन, लोड बढ़वाने, बिजली बिल जमा कराने, बिल संशोधन, ट्रांसफार्मर लगवाने, पोल हटवाने, नई लाइन खिंचवाने सहित अन्य कार्यों के लिए उपभोक्ताओं को सब स्टेशन में आवेदन करना पड़ता है।
हालांकि केस्को के हेल्पलाइन नंबर और एक्स अकाउंट पर भी शिकायत की जा सकती है। इसके बावजूद कई बार उपभोक्ताओं के कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। इसकी बड़ी वजह है कि सब स्टेशन के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों पर सप्लाई सिस्टम के साथ ही राजस्व वसूली और फॉल्ट आदि की जिम्मेदारी रहती है। इसमें कार्य न होने पर उपभोक्ता इंजीनियर से लेकर केस्को एमडी के पास तक शिकायत करने के लिए पहुंचते हैं। इस समस्या को देखते हुए अलग-अलग अधिकारियों को कार्यों का जिम्मा दिया जाएगा। इसका ढांचा लाइनमैन से लेकर जेई, एई, एक्सईएन, सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर तक रहेगा। सभी कार्य तय समय पर किए जाने का प्रावधान रहेगा। चारों सर्किल के सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर, मुख्य अभियंता, निदेशक और एमडी सभी कार्याें की मॉनीटरिंग करेंगे।
एक्सईएन के नेतृत्व में आईटी विशेषज्ञों की टीम रहेगी। यह हेल्पलाइन नंबर 1912 और सोशल मीडिया पर आने वाली शिकायतों को देखेगी। इन पर स्मार्ट मीटरिंग और आरएमएस सिस्टम की जिम्मेदारी रहेगी। पूरा कंट्रोल रूम इन्हीं के हवाले रहेगा। फील्ड से सारे आईटी विशेषज्ञों को आईटी विभाग में बुला लिया गया है।