।******* उझानी बदांयू 31 अगस्त। ऐसे बदलते मौसम में बच्चों को बारिश से बचाने की जरूरत है। उनके खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जाए तो वे गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
बारिश के मौसम में अभिभावकों को बच्चों की देखभाल के साथ खान-पान पर भी विशेष नजर रखने की जरूरत है। अगर कोई भी परेशानी हो तो बिना चिकित्सक की सलाह के कोई भी दवा बच्चों को ना दे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो इन दिनों बच्चों की ओपीडी बढ़ गई है। ऐसे में बच्चों के मौसमी बीमारी से बचाने के लिए माता-पिता को ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है।
जहां पहले ओपीडी में 20 तक बच्चे आते थे अब 50 से अधिक बच्चे आते हैं, इन दिनों में बारिश के पानी से होने वाले संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है, ऐसे में बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना भी अधिक रहती है। यहीं नही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ज्यादातर सर्दी जुखाम, बुखार के साथ-साथ डायरिया पीड़ित होकर बच्चे आ रहे हैं।
इसलिए माता-पिता को अपने बच्चे को मानसून में स्वस्थ्य रखने के लिए अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
बारिश के मौसम में बच्चों को कैसे बचाएं चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजकुमार गंगवार ने कहा कि माता-पिता यह कोशिश करें कि अपने बच्चे को बारिश में भीगने से बचाएं। इसके लिए छाते, रेनकोट और रेन बूट जैसी आजमाई हुई चीजें आपके काम आ सकती हैं।
बच्चों को बाहर ले जाने से पहले ध्यान दें कि उनके पास सभी आवश्यक चीजें हैं। बरसात के मौसम के दौरान, तापमान में भी तेजी से गर्माहट और ठंडक का अनुभव होता है। वहीं नमी से बचने के लिए बच्चों को आरामदायक सूती कपड़े पहनाएं, लेकिन जब मौसम ठंडा हो जाए, तो उन्हें थोड़े मोटे कपड़े पहनाएं। ध्यान रखें कि बच्चे के कपड़े पूरी तरह सूखे हों क्योंकि बरसात के मौसम में कपड़े नमी सोख लेते हैं, जिससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
बीमारियों को नजरअंदाज न करें
नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर संजीव गुप्ता ( गोल्ड मेडलिस्ट )ने कहा कि बुखार, शारीरिक दर्द, छींक आना और अन्य लक्षण मानसून से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा इस मौसम में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे कोई भी लक्षण नजर आने पर सीधे अपने डॉक्टर से संपर्क करें और बीमारी से लड़ने के लिए उचित सावधानी बरतें, भले ही यह शुरुआती दौर में ही क्यों न हों।
कहा कि मच्छर के काटने से नवजात शिशु को गंभीर परेशानियां हो सकती हैं, जिससे उनके शरीर पर रेडनेस और सूजन भी हो सकती है। ऐसे में बच्चे को मच्छरदानी में रखें, जिससे वे अच्छी और भरपूर नींद सो सकें। ***** राजेश वार्ष्णेय एमके