टेंशन – अभी तो और बरसेगें बदरा ! फसलों को हो सकता है नुकसान।***** मौसम विभाग की चेतावनी सितंबर आखिर तक हो सकती है बारिश।*****
जून में मॉनसून की शुरुआत के साथ अब तक पूरे देश में बारिश सामान्य से 7 फीसदी अधिक रही है, मध्य भारत में बारिश सामान्य से 17 फीसदी अधिक रही है।
इस बार देश में मॉनसून के बादल जमकर बरस रहे हैं। जून में धीमी शुरुआत के बाद जुलाई में जमकर बारिश हुई है और अगस्त में भी मानसून फुल स्पीड में है। अब एक नई रिपोर्ट में अनुमान दिया गया है कि इस बार मॉनसून की वापसी देर में हो सकती है। यानि बारिश इस बार न केवल सामान्य से ज्यादा हो रही है साथ ही सामान्य से ज्यादा वक्त तक चलने का भी अनुमान है। आईएमडी पहले ही कह चुका है कि मॉनसून के बाकी के दो महीने बारिश सामान्य से अधिक रह सकती है। नई रिपोर्ट के बाद आशंका बन गई है कि अगर फसल पकने के वक्त जमकर बारिश होती है तो धान सहित कई फसलों को नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग के दो अधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि इस साल मॉनसूनी बारिश की वापसी देरी से हो सकती है, रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सितंबर के महीने में देश में कम दबाव का सिस्टम बनने की वजह से मॉनसून तय वक्त से कुछ ज्यादा समय तक देश में बना रह सकता है। इस नए डेवलपमेंट के साथ चिंताएं भी बन गई हैं क्योंकि सितंबर के मध्य के साथ ही फसलों का पकना भी शुरू होता है। ऐसे समय में बारिश पड़ना फसलों को खराब भी कर सकता है। अगर मध्य सितंबर में भी मॉनसून रफ्तार में बना रहता है तो इस दौरान पकने वाली धान,बाजरा, कपास, सोयाबीन, मक्का और उर्द,दालों की फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
हालांकि दूसरी तरफ बारिश से जमीन की नमी बढ़ेगी और इसका फायदा सर्दियों में बुवाई वाली फसलों को मिल सकता है जिसमें गेहूं अहम है। ऐसे में नजर सितंबर की बारिश के पैटर्न पर रहेगी क्योंकि इसका खरीफ फसलों की पैदावार और अगली फसल की बुवाई दोनों पर ही असर दिखेगा।
भारत मे मॉनसून की बारिश जून की शुरुआत के शुरू होती है जुलाई की शुरुआत तक मॉनसून पूरे भारत को कवर कर लेता है। मॉनसून की वापसी सितंबर के मध्य से शुरू होती है और अक्टूबर के मध्य तक मॉनसून का सीजन खत्म हो जाता है। इस बार आशंका है कि मॉनसून की वापसी सितंबर अंत तक खिंच सकती है।