4:37 am Friday , 31 January 2025
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वर्दी की चाहत में बदला आधार उम्र ओर नाम , फिर भी एआई की नजर से नहीं बच पाया विमल


वर्दी की चाहत में सादाबाद हाथरस के युवक ने अपनी उम्र ही नहीं बदली, अपना नाम भी विवेक कुमार से विमल कुमार कर लिया। आधार कार्ड बनवाया, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा भी दे डाली। वह अपने मंसूबों में कामयाब भी होने वाला था। लेकिन, इस बार पुलिस भर्ती परीक्षा आगरा में एआई से फर्जी अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा था। आंखों के रेटिना और बायोमेट्रिक से उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। पुलिस की पकड़ में आते ही उसे गलती का अहसास हो गया। उसने पुलिस के सामने फर्जी आवेदन का सच उगल दिया।

गांव विधिपुरा निवासी विवेक की जन्मतिथि पहले आधार कार्ड में 5 जुलाई 1995 थी। उसने वर्ष 2011 में बिसावर, सादाबाद के एचपी इंटर काॅलेज से हाईस्कूल और वर्ष 2014 में रोशनलाल इंटर काॅलेज से 12वीं की परीक्षा पास की थी। वर्ष 2018 में पुलिस भर्ती परीक्षा दी। मगर, चयनित नहीं हो सका। उम्र अधिक होने के कारण परीक्षा नहीं दे सकता था। मगर, उसके मन में वर्दी की चाहत थी। चाहत पूरी करने के लिए गलत रास्ता अपनाया।
उसने अपना नाम विमल पुत्र भूरी सिंह कर लिया। इसी नाम से दूसरा आधार कार्ड भी बनवा लिया। जन्मतिथि 5 दिसंबर 2001 कर ली। इससे उसकी उम्र 6 साल कम 23 साल हो गई। वह वर्तमान में 29 साल का है। उसने वर्ष 2018 में हाईस्कूल की परीक्षा राया, मथुरा के इंटर काॅलेज से दी। वर्ष 2020 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दी, लेकिन फेल हो गया। वर्ष 2021 में पास हो गया। पहली बार पुलिस भर्ती परीक्षा में उसका बायेमेट्रिक हुआ था। आधार कार्ड लगाया गया था। शुक्रवार को वह परीक्षा देने आया था। प्रवेशपत्र से प्रवेश मिल गया। बायोमेट्रिक में आधार कार्ड का सत्यापन भी हो गया।

परीक्षा कक्ष में पहुंचने पर टेबलेट से फोटो खींचा गया। इसमें एआई की मदद से सत्यापन किया गया। एआई ने पूर्व में बने आधार की पहचान कर ली। एक फिंगरप्रिंट पर विवेक और विमल नाम से आधार कार्ड बने हुए थे। शक होने पर परीक्षार्थी से पूछताछ की गई। उसने सारी हकीकत बता दी। उसका कहना था कि वह वर्दी पहनना चाहता था। इसलिए फर्जीवाड़ा कर दिया। मगर, उसे पता नहीं था कि पकड़ लिया जाएगा। पहले वाला आधार कार्ड निरस्त नहीं हुआ था।

डीसीपी हेड क्वार्टर सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है। इसमें परीक्षा देने आने वाले अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे एआई की मदद से तैयार किए गए थे। आवेदन करते समय कोई बिना मूंछ और दाढ़ी के था या फिर बाल लंबे थे या फिर चेहरा पतला था? एआई ने वर्तमान में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे बनाकर मिलान किया। इसके साथ ही आधार कार्ड, चालक लाइसेंस आदि सहित बायोमेट्रिक डेटाबेस की मदद से मिलान किया। जिनका मिलान नहीं हो सका। उनको पकड़ लिया गया। विवेक कुमार को भी एआई की मदद से पकड़ा गया। उसके खिलाफ थाना शाहगंज में धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है। वह अब कभी परीक्षा नहीं दे सकेगा।